नेमीचंद जैन 'भावुक' (२५ जुलाई १९२८—२१ अक्टूबर २०१०) गांधीवादी चिंतक, वरिष्ठ पत्रकार, अनेक संस्थाओं के प्रतिष्ठाता थे। वे विभिन्न कालखंडों में दर्जनों युवाओं के पथ-प्रदर्शक रहे। भावुक द्वारा स्थापित अंतर प्रांतीय कुमार साहित्य परिषद ने साहित्य के क्षेत्र में कई लोगों को मंच प्रदान किया। वे प्रख्यात विधिवेत्ता लक्ष्मीमल्ल सिंघवी के समकालीन ही नहीं उनके करीबी भी थे।

25 जुलाई 1928 को 'खूंटों की पोल' जोधपुर में जन्म। प्राथमिक शिक्षा विजयनगर रियासत में हुई। द्वितीय महायुद्ध के दौरान 1940 में जोधपुर आ गए। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने साहित्य रत्न एवं विशारद के साथ ही साहित्यालंकार की उपाधि प्राप्त की। मैथिली विद्यापीठ, बिहार ने उन्हें विद्या वाचस्पति की मानद उपाधि प्रदान की। 1944-47 तक स्वतंत्रता संग्राम में वानर सैनिक की भूमिका। 26 जनवरी 1945 को बाल सभा नागरी प्रचारिणी सभा काशी की युवा इकाई की स्थापना। 1945 में बाल परिषद से जुड़ाव। 1948 में कुमार साहित्य परिषद की स्थापना। 1951 से 1955 तक हिंदी विद्यालय चलाया। अंतर प्रांतीय कुमार साहित्य परिषद के मानद महामंत्री रहे। 1956 में भू-दान आंदोलन से जुड़े। 1956 से 65 तक गांधी अध्ययन केंद्र के मानद सचिव। 1966 से लगातार गांधी शांति प्रतिष्ठान के मानद सचिव। मूक-बधिर विद्यालय समिति के संरक्षक।

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