नोदक (जलयान)

वाहन पर लगाने वाली एक मशीन

जलयान के नोदक (marine propellors), जिन्हें अनौपचारिक भाषा में स्क्रू (screw, अर्थ: पेच) भी कहते हैं, ऐसे पंखेनुमा यंत्र होते हैं जिनसे समुद्री जहाज़ों और नौकाओं के इंजनों द्वारा उत्पन्न घूर्णन (रोटेशन) का प्रयोग पानी को पीछे की ओर फेंककर नौका को आगे की तरफ़ धकेलने के लिए जाता है। नोदकों का आकार ऐसा होता है कि जब वह घूमते हैं तो उनके आगे और पीछे के पानी के दबावों में अंतर पैदा हो जाता है जिस से पानी तेज़ी से पंखे के पीछे खींचा जाता है। वैज्ञानिक रूप से नोदक के आगे और पीछे के दबाव में अंतर बरनौली सिद्धांत द्वारा समझा जा सकता है।[1]

एक मध्य-आकार के व्यापारिक समुद्री जहाज़ पर लगा नोदक
नोदक के अन्य अर्थों के लिए नोदक (बहुविकल्पी) देखें

इन्हें भी देखें

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  1. Introductory Bioelectronics: For Engineers and Physical Scientists, Ronald R. Pethig, Stewart Smith, pp. 9-17, John Wiley & Sons, 2012, ISBN 978-1-118-44328-6, ... Bernoulli's principle states that, for viscous free fluid flow, an increase of the fluid velocity occurs simultaneously with a decrease in fluid pressure or a decrease in the fluid's potential energy ... This is the principle used in the design of aircraft wings and propeller blades ...