न्गूनी भाषाएँ या गूनी भाषाएँ (Nguni languages) दक्षिणी अफ़्रीका के न्गूनी लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओं का एक समूह है जो बांटू भाषा-परिवार की एक उपशाखा है। गूनी भाषाओं में कोसा, ज़ुलु, स्वाती, श्लूबी, फूथी, लाला और ह्लांगवीनी शामिल हैं। इनके अलावा तीन न्देबेले (देबेले) कहलाने वाली भाषाएँ भी न्गूनी भाषा-परिवार की सदस्या हैं: दक्षिणी त्रांसवाल न्देबेले, उत्तरी न्देबेले और सुमालेया न्देबेले। विभिन्न न्गूनी भाषाओं में आपस में उपभाषा सतति देखी जाती है, यानि पड़ोसी न्गूनी भाषाओं के बोलने वाले एक-दूसरे को समझने में सक्षम हैं।[1][2]

न्गूनी भाषाएँ
भौगोलिक
विस्तार:
दक्षिण अफ़्रीका, एस्वातीनी, ज़िम्बाब्वे
भाषा श्रेणीकरण: नाइजर-कॉन्गो
  • अटलांटिक-कांगो
    • बेनुए-कांगो
      • दक्षिणी बांटोई
        • बांटू
          • दक्षिणी बांटू
            • न्गूनी भाषाएँ
उपश्रेणियाँ:
ज़ुण्डा
तेकेला

दक्षिण अफ़्रीका के भिन्न क्षेत्रों में न्गूनी मातृभाषियों का जन-प्रतिशत
██ ०–२०% ██ २०–४०% ██ ४०–६०%

श्रेणियाँ संपादित करें

न्गूनी भाषाओं को पारम्परिक रूप से दो श्रेणियों में विभाजित करा जाता है: ज़ुण्डा और तेकेला। इन दोनों में कई अंतर हैं जिनमें से एक यह है कि जहाँ ज़ुण्डा भाषाओं में "ज़" की ध्वनी प्रयोग होती है वहाँ तेकेला भाषाओं में "त" आता है। वास्तव में इसी अंतर के कारण इन श्रेणियों के नाम "ज़" और "त" से शुरु होते हैं। यही कारण भी है कि ज़ुलु में एस्वातीनी से सम्बन्धित जाति व भाषा को "स्वाज़ी" कहते हैं जबकि एस्वातीनी में वह "स्वाती" कहलाती है।[3]

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Doke, Clement Martyn (1954). The Southern Bantu Languages. Handbook of African Languages. Oxford: Oxford University Press.
  2. Shaw, E. M. and Davison, P. (1973) The Southern Nguni (series: Man in Southern Africa) South African Museum, Cape Town
  3. Ownby, Caroline P. (1985). "Early Nguni History: The Linguistic Evidence and Its Correlation with Archeology and Oral Tradition". Doctoral dissertation (University of California, Los Angeles).