पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज
पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज | |
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आदर्श | तमसो मा ज्योतिर्गमय (संस्कृत) अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो (हिन्दी) Lead Us From Darkness to Light (अंग्रेजी) |
स्थापन | १९२१-१९४७ लाहौर १९४७-१९५४ रुड़की १९५४-वर्तमान चंडीगढ |
प्रकार | सार्वजनिक |
संचालक | डॉक्टर विजय गुप्ता |
स्थान | चंडीगढ, भारत |
परिसर | १४६ एकड़ (०.६ km²), शहरी |
पूर्वस्नातक | १५०० |
वेबसाइट | pec.ac.in |
पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज, या पेक चंडीगढ स्थित एक प्रमुख अभियांत्रिकी एवं तकनिकी महाविद्यालय हैं। यह १९२१ से १९४७ तक लाहौर में स्थपित था। भारत के विभाजन के बाद १९४७ से १९५४ तक रुड़की में स्थापना कि गई। १९५४ से वर्तमान तक कॉलेज चंडीगढ में स्थित हैं। २००४ तक पंजाब विश्वविद्यालय से सम्बद्ध के बाद कॉलेज स्नातक एवं अन्य उच्च उपाधियाँ प्रदान कर सकता है।
इतिहास
संपादित करेंकॉलेज कि स्थापना १९२१ में लाहौर में कि गई। विभाजन के पूर्व यह मैकलैगन इंजिनियरिंग कॉलेज के नाम से जाना जाता था। दिसम्बर १९४७ से रुड़की में "पूर्वी पंजाब इंजिनियरिंग कॉलेज" के नाम से थॉमसन इंजिनियरिंग कॉलेज (अब भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की) के परिसर में कार्य शुरू किया। १९५० में उपसर्ग "पूर्वी" हटा दिया गया। १९५४ में चंडीगढ में स्थापना हुई।
स्थान
संपादित करेंसेक्टर 12 चंडीगढ़
परिसर
संपादित करेंछात्रावास
संपादित करेंशैक्षिक
संपादित करेंप्रवेश सूचना
संपादित करेंछात्र संगठन
संपादित करेंप्रसिद्ध भूतपूर्व छात्र
संपादित करें- स्वर्गीय कल्पना चावला, अन्तरिक्ष यात्री
- जस्पाल भट्टी, हंसानेवाला, निंदक, अभिनेता
भूतपूर्व छात्र संघ
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- pec.ac.in - आधिकारिक वेबसाइट