पट्टदकल्लु
पट्टदकल्लु (Pattadakal), जिसे रक्तपुर (Raktapura) कहा जाता था, भारत के कर्नाटक राज्य के बागलकोट ज़िले में मलप्रभा नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक गाँव है, जो अपने यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ चालुक्य राजवंश द्वारा 7वीं और 8वीं शताब्दी में बने नौ हिन्दू और एक जैन मन्दिर हैं, जिनमें द्रविड़ (दक्षिण भारतीय) तथा नागर (उत्तर भारतीय ) दोनों शैलियाँ विकसित हुई थीं। पट्टदकल्लु बादामी से 23 किमी और ऐहोले से 11 किमी दूर है, जिन दोनों स्थानों में भी कई महत्वपूर्ण चालुक्यकालीन मन्दिर स्थित हैं।[1][2]
पट्टदकल्लु Pattadakal ಪಟ್ಟದ್ಕಲ್ಲು रक्तपुर, किसुवोलल | |
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पट्टदकल्लु में स्थापत्य परिसर | |
निर्देशांक: 15°56′53″N 75°48′58″E / 15.948°N 75.816°Eनिर्देशांक: 15°56′53″N 75°48′58″E / 15.948°N 75.816°E | |
देश | भारत |
राज्य | कर्नाटक |
ज़िला | बागलकोट ज़िला |
ऊँचाई | 586 मी (1,923 फीट) |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 2,573 |
भाषाएँ | |
• प्रचलित | कन्नड़ |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 587201 |
विवरण
संपादित करेंयदी बादामी को महाविद्यालय तो पट्टदकल्लु को मन्दिर निर्माण का विश्वविद्यालय कहा जाता है।[3] यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन २४ किमी दक्षिण-पश्चिम में बादामी है। इस शहर को कभी किसुवोलल (ಕಿಸುವೊಳಲ್') या रक्तपुर कहा जाता था, क्योंकि यहाँ का बलुआ पत्थर लाल आभा लिए हुए है।
शिल्प स्मारक
संपादित करेंचालुक्य शैली का उद्भव ४५० ई. में एहोल में हुआ था। यहाँ वास्तुकारों ने नागर एवं द्रविड़ समेत विभिन्न शैलियों के प्रयोग किए थे। इन शैलियों के संगम से एक अभिन्न शैली का उद्भव हुआ। सातवीं शताब्दी के मध्य में यहां चालुक्य राजाओं के राजतिलक होते थे। कालांतर में मंदिर निर्माण का स्थल बादामी से पट्टदकल्लु आ गया। यहाँ कुल दस मंदिर हैं, जिनमें एक जैन धर्मशाला भी शामिल है। इन्हें घेरे हुए ढेरों चैत्य, पूजा स्थल एवं कई अपूर्ण आधारशिलाएं हैं। यहाँ चार मंदिर द्रविड़ शैली के हैं, चार नागर शैली के हैं एवं पापनाथ मंदिर मिश्रित शैली का है। पट्टदकल्लु को १९८७ में युनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।[4][5][6][7][8]
यहां के बहुत से शिल्प अवशेष यहां बने प्लेन्स के संग्रहालय तथा शिल्प दीर्घा में सुरक्षित रखे हैं। इन संग्रहालयों का अनुरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग करता है। ये भूतनाथ मंदिर मार्ग पर स्थित हैं। इनके अलावा अन्य महत्वपूर्ण स्मारकों में, अखण्ड एकाश्म स्तंभ, नागनाथ मंदिर, चंद्रशेखर मंदिर एवं महाकुटेश्वर मंदिर भी हैं, जिनमें अनेकों शिलालेख हैं। वर्ष के आरंभिक त्रैमास में यहां का वार्षिक नृत्योत्सव आयोजन होता है, जिसे चालुक्य उत्सव कहते हैं। इस उत्सव का आयोजन पट्टदकल्लु के अलावा बादामी एवं ऐहोल में भी होता है। यह त्रिदिवसीय संगीत एवं नृत्य का संगम कलाप्रेमियों की भीड़ जुटाता है। उत्सव के मंच की पृष्ठभूमि में मंदिर के दृश्य एवं जाने माने कलाकार इन दिनों यहां के इतिहास को जीवंत कर देते हैं।
चित्रदीर्घा
संपादित करें-
काशीविश्वनाथ मंदिर
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पापनाथ मंदिर
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मल्लिकार्जुन एवं काशीविश्वनाथ मंदिर
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जैन नारायण मंदिर
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाह्य जोड़
संपादित करें- युनेस्को विश्व धरोहर जालस्थल पर पट्टदकल्लु
- पट्टदकल्लु का ३६०° विहंगम दृश्य वर्ल्ड हैरिटेज टूअर पर
- पट्टदकल्लु मंदिर
- भारतीय उपमहाद्वीप में स्थापत्यकला
- पट्टदकल्लु एवं दक्खिन में अन्य स्थलों के छायाचित्र
- पट्टदकल्लु के चित्र
- पट्टदकल्लु जालस्थल
- भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण विभाग के जालस्थल पर पट्टदकल्लु
- भारतीय पुरातात्त्विक सर्वेक्षण विभाग के जालस्थल पर चित्र दीर्घा
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894
- ↑ "द चालुक्यन मैग्नीफीशियेंस". मूल से 10 मई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ५ मार्च २००९.
- ↑ "द चालुक्यन मैग्नीफ़ीशियेंस". मूल से 10 मई 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ५ मार्च २००९.
- ↑ "पट्टदकल्लु". मूल से 11 सितंबर 2004 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ५ मार्च २००९.
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में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद) - ↑ "वर्ल्ड हैरिटेज साइट्स - पट्टदकल्लु, ग्रुप ऑफ मॉन्युमेंट्स ऐट पट्टदकल्लु (१९८७), कर्नाटक". मूल से 25 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि ६ मार्च २००९.
- ↑ "ग्रुप ऑफ मॉन्युमेंट्स ऐट पट्टदकल्लु" (PDF). मूल से 4 जून 2011 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि ९ मार्च २००९.
- ↑ "अनुभाग-२, राष्ट्र पार्टी: भारत, प्रोपर्टी नाम: पट्टदकल्लु में स्मारक समूह" (PDF). मूल से 4 जून 2011 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि ९ मार्च २००९.