ऐहोले
ऐहोले (Aihole) भारत के कर्नाटक राज्य के बागलकोट ज़िले में मलप्रभा नदी घाटी में फैले हुए 120 से अधिक शिला और गुफा मन्दिरों का एक समूह है। इसमें हिन्दू, जैन और बौद्ध स्थापत्य शामिल हैं। इन मन्दिरों व मठो का निर्माण 4थी–12वीं शताब्दी में चालुक्य राजवंश ने करा था, लेकिन अभी भी अस्तित्व रखने वाले अधिकांश स्थापत्य 7वीं से 10वीं शताब्दी में निर्मित हैं। यह ऐहोले नामक गाँव के आसपास स्थित हैं, जो खेतों और बलुआ पत्थर के पहाड़ों के बीच बसा हुआ है। यहाँ से हुनगुन्दा लगभग 35 किमी दूर है। इस स्थापत्य समूह को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित करवाने के प्रयास जारी हैं।[1][2][3]
ऐहोले स्थापत्य समूह | |
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Group of monuments at Aihole ಐಹೊಳೆ ಗಳಗನಾತ ಗುಂಪು | |
स्थान | बागलकोट ज़िला, कर्नाटक, भारत |
निकटतम नगर | हुनगुन्दा |
निर्देशांक | 16°01′08″N 75°52′55″E / 16.019°N 75.882°Eनिर्देशांक: 16°01′08″N 75°52′55″E / 16.019°N 75.882°E |
क्षेत्रफल | 5 कि॰मी2 (1.9 वर्ग मील) |
ऊँचाई | 810 मी॰ (2,657 फीट) |
निर्माण | 4थी–12वीं शताब्दी ईसवी |
वास्तुशैली | हिन्दू, जैन, बौद्ध मन्दिर और मठ |
कार्यसंस्था | भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण |
विवरण
संपादित करेंऐहोले से चालुक्य नरेश पुलकेशिन द्वितीय का 634 ई. का एक अभिलेख प्राप्त हुआ है। यह प्रशस्ति के रूप में है और संस्कृत काव्य परम्परा में लिखा गया है। इसके रचयिता जैन कवि रविकीर्ति थे। इस अभिलेख में पुलकेशी द्वितीय की विजयों का वर्णन है। अभिलेख में पुलकेशी द्वितीय के हाथों हर्षवर्धन की पराजय के बारे में जानकारी मिलती है। यह अनुमान लगाया जा सकता है कि हर्ष और पुलकेशी के मध्य युद्ध 630 और 634ई0 के बीच हुआ था।
चित्रदीर्घा
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लाद खान मंदिर
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रावण पहाड़ी गुफा
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रावण पहाड़ी गुफा के भीतर
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Lonely Planet South India & Kerala," Isabella Noble et al, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012394
- ↑ "The Rough Guide to South India and Kerala," Rough Guides UK, 2017, ISBN 9780241332894
- ↑ "Relocation move sparks concern". मूल से 15 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-04-01.