पन्ना नाइक

गुजराती भाषा के कवि

पन्ना नाइक (जन्म: 28 दिसंबर 1933) गुजराती भाषा की भारतीय कवयित्री और कहानीकार हैं, जो 1960 से संयुक्त राज्य अमेरिका के फिलाडेल्फिया में रहती हैं। स्थानीय विश्वविद्यालय में काम करते हुए उन्होंने अपने आसपास की दुनिया से तैयार की गई कविता लिखी। उनकी पुस्तक प्रवेश (1975) को आलोचनात्मक प्रशंसा मिली और उन्होंने तब से कई कविता संग्रह प्रकाशित किए हैं।

पन्ना नाइक
जन्म28 दिसम्बर 1933 (1933-12-28) (आयु 90)
मुम्बई, British India
पेशाPoet, story writer
भाषागुजराती
शिक्षाM.A., M.S.
उच्च शिक्षाUniversity of Bombay, Drexel University, University of Pennsylvania
विधाsFree verse
उल्लेखनीय कामsPravesh (1975), Videshini (2000)
जीवनसाथीNikul Naik (वि॰ 1960; नि॰ 2004)

हस्ताक्षर
वेबसाइट
pannanaik.com

पन्ना नाइक का जन्म 28 दिसंबर 1933 को बम्बई (अब मुम्बई) में धीरजलाल मोदी और रतनबेन के घर हुआ था। उनके दादा छगनलाल मोदी (1857-1946) बड़ोदा राज्य के शिक्षा निरीक्षक थे और उन्होंने लोकप्रिय ऐतिहासिक कथा इरावती लिखी थी। उनका परिवार सूरत से था। उनकी मां रतनबेन ने गुजराती और संस्कृत धार्मिक और धर्मनिरपेक्ष कविताओं का पाठ किया था, जिससे उन्हें कविता में दिलचस्पी हुई।[1] उन्होंने बी. ए. 1954 में और 1956 में अपनी एम. ए. गुजराती और संस्कृत से सेंट जेवियर्स कॉलेज बंबई विश्वविद्यालय (अब मुंबई विश्वविद्यालय) से की। 1960 में, वह दुल्हन के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका चली गईं।[1] उन्होंने 1962 में ड्रेक्सेल यूनिवर्सिटी, फिलाडेल्फिया से पुस्तकालय विज्ञान में विज्ञान स्नातकोत्तर पूरा किया। फिर 1973 में दक्षिण एशियाई अध्ययन में विज्ञान स्नातकोत्तर पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय, फिलाडेल्फिया से किया।[2] उन्होंने 1964 से 2003 तक पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय में वान पेल्ट लाइब्रेरी में पुस्तकालय अध्यक्ष और ग्रंथकार के रूप में कार्य किया। उसके बाद 1985 से 2002 तक गुजराती की प्रोफेसर रही। उनके पति निकुल नाइक का 2004 में निधन हो गया।[3] 2015 में, वह एकाउंटेंट नटवर गांधी के साथ रूमानी रूप से शामिल थी।[4]

पन्ना की कविता में आधुनिक शहर और विदेशी देश में रहने वाली महिला की भावनाओं को दर्शाया गया है। वह पुरुषों के साथ उसके संबंधों, विवाहित जीवन के भ्रम, आशाओं और पीड़ाओं को अपनी कविताओं में कैद करती हैं। वह अमेरिकी कवि ऐनी सेक्सटन से प्रभावित हैं जिनकी लव पोयम्स (1967) ने उन्हें कविता लिखने के लिए प्रेरित किया।[5] वह भारतीय और पश्चिमी काव्य परंपराओं से प्रेरणा लेती हैं। उनका पहला कविता संग्रह प्रवेश (1975) था जिससे उनकी प्रशंसा हुई। फिलाडेल्फिया (1981), निस्बत (1981), अर्सपरास (1981), अवनजवन (1991), रंग जरुखे (2005), चेरी ब्लॉसम (2004), केटलक काव्यो (1990) उनके कविता संग्रह हैं। सुरेश दलाल द्वारा संपादित अब तो बात फेल गई में उनके निबंध का संकलन है।

  1. Coppola, Carlo (1982). "Panna Naik: An Introduction". Journal of South Asian Literature. 17 (2): 183–186. JSTOR 40872488.
  2. Roshni Rustomji-Kerns (1995). Living in America: poetry and fiction by South Asian American writers. Westview Press. पृ॰ 272. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-8133-2379-4. मूल से 28 February 2018 को पुरालेखित.
  3. Brahmabhatt, Prasad (2010). અર્વાચીન ગુજરાતી સાહિત્યનો ઈતિહાસ - આધુનિક અને અનુઆધુનિક યુગ [History of Modern Gujarati Literature – Modern and Postmodern Era] (गुजराती में). Ahmedabad: Parshwa Publication. पपृ॰ 139–141. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-5108-247-7.
  4. Shastri, Parth. "The accountant and the poetess". मूल से 29 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2019.
  5. "મારા વિશે" [About Me]. pannanaik.com (गुजराती में). मूल से 21 February 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 21 February 2018.