परफेक्टिंग वूमेन (पुस्तक)

परफेक्टिंग वूमेन (पुस्तक): मौलाना अशरफ़ अली थानवी की 'बहिश्ती ज़ेवर पुस्तक पर टिप्पणी के साथ आंशिक रूप से अनुवादित कार्य है, जिसे कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, की प्रोफेसर बारबरा डी. मेटकाफ ने लिखा है। प्रारंभ में 1992 में कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय प्रेस और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस द्वारा प्रकाशित, यह राष्ट्रीय बंदोबस्ती से अनुवाद फ़ेलोशिप के माध्यम से संभव हुआ था। [1] इसका प्राथमिक उद्देश्य इस्लाम में महिलाओं के चित्रण को लेकर गलत व्याख्याओं को संबोधित करना और दूर करना है। [2] जो बात इसे अलग करती है, वह महिला दर्शकों पर इसका अनूठा फोकस है, जो मुस्लिम समुदाय को इस्लामी न्यायशास्त्र का मूलभूत ज्ञान प्रदान करने के लिए देवबंदी मिशन के साथ जुड़ती है। परिचय न केवल सामग्री में गहराई से उतरता है बल्कि देवबंदी सुधार आंदोलन की सामाजिक-ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी प्रदान करता है, इसके उद्देश्यों और चिंताओं पर प्रकाश डालता है। [2]

परफेक्टिंग वूमेन (पुस्तक)  
चित्र:Cover of Perfecting Women.jpg
लेखक बारबरा डी. मेटकाफ
देश संयुक्त राज्य अमेरिका
भाषा अंग्रेज़ी
प्रकार अनुवाद
प्रकाशक ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस
पृष्ठ 436
आई॰एस॰बी॰एन॰ 9780520080935
ओ॰सी॰एल॰सी॰ क्र॰ 43476666

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संदर्भ संपादित करें

  1. A., M. (1997). "Review of Perfecting Women: Maulana Ashraf 'Ali Thanawi's Bihishti Zewar". Estudios de Asia y Africa. 32 (3 (104)): 640. JSTOR 40313257. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0185-0164. मूल से 2022-05-04 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-05-06.
  2. Tripathy, Gopi Devdutt (1996). "Book reviews and notices : BARBARA DALY METCALF, trans., Perfecting women: Maulana Ashraf 'Ali Thanawi's Bihishti zewar: A partial translation with commentary. Delhi: Oxford University Press, 1992". Contributions to Indian Sociology (अंग्रेज़ी में). 30 (1): 159. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0069-9667. डीओआइ:10.1177/006996679603000122. मूल से 2022-05-04 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2022-05-06.

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