पर्जन्य तीसरे आदित्य हैं- ये मेघों में निवास करते हैं। इनका मेघों पर नियंत्रण हैं। वर्षा के होने तथा किरणों के प्रभाव से मेघों का जल बरसता है। ये धरती के ताप को शांत करते हैं और फिर से जीवन का संचार करते हैं। इनके बगैर धरती पर जीवन संभव नहीं। I पर्जन्यादन्नसम्भवः ' इति भगवद्गीतायाम् सूचितम् अस्ति । पर्जन्यात् अन्नं सम्भवति सम्भवति इति ।