पवन वेग (विन्ड स्पीड) एक मौलिक वायुमंडलीय राशि है। वायु का प्रवाह, उच्च दाब से निम्न दाब की ओर होता है। अलग-अलग स्थानों का वायुमंडलीय दाब अलग-अलग होता है, जो ताप के अन्तर के कारण होता है। पवन के वेग से कई कार्य प्रभावित होते हैं, जैसे मौसम की भविष्यवाणी, वायुयान तथा जलयानों का संचालन, निर्माण कार्य, कई पादप जातियों के विकास और उपापचय की गति आदि।[1]

पवन के वेग को नापने के लिए एक पवनवेगमापी का उपयोग किया जाता है।

पवन के वेग को पवनवेगमापी या एनीमोमीटर के द्वारा मापा जाता है।

हवा की गति से मौसम के पूर्वानुमान पर, विमान के आवाजाही आदि पर प्रभाव पड़ता है। लेकिन वायुमंडलीय दाब के कारण वायु की दिशा में कई बार परिवर्तन हो जाता है। इसके अलावा मौसम के कारण भी कई बार दिशा में बदलाव हो जाता है।

अधिकतम गति

संपादित करें
 
वायुवेगमापी द्वारा दर्ज की गई गति।

10 अप्रैल 1996 को ऑस्ट्रेलिया में एक चक्रवात के समय 408 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चली थी। यह अब तक की वायु की सबसे अधिक गति है।[2]

  1. C.Michael Hogan. 2010. Abiotic factor. Encyclopedia of Earth. eds Emily Monosson and C. Cleveland. National Council for Science and the Environment Archived 2013-06-08 at the वेबैक मशीन. Washington DC
  2. "World record wind gust". World Meteorological Association. मूल से 20 जनवरी 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-01-26.

इन्हें भी देखें

संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें