पहलगाम (Pahalgam) भारत के जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के अनन्तनाग ज़िले में स्थित एक नगर और अधिसूचित क्षेत्र है। यह इसी नाम की तहसील का मुख्यालय भी है, और अनंतनाग से 45 किमी दूर लिद्दर नदी के किनारे बसा हुआ है। पहलगाम एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल और पर्वतीय स्थल है। साथ ही अमरनाथ यात्रा का एक महत्वपूर्ण पड़ाव भी है। विश्वभर से हज़ारों पर्यटक प्रति वर्ष यहाँ आते हैं।[1][2][3][4]

पहलगाम
Pahalgam
پَہَلگام
पहलगाम नगर के निकटस्थ पहलगाम घाटी का दृश्य
पहलगाम नगर के निकटस्थ पहलगाम घाटी का दृश्य
पहलगाम is located in जम्मू और कश्मीर
पहलगाम
पहलगाम
जम्मू और कश्मीर में स्थिति
निर्देशांक: 33°45′47″N 75°12′32″E / 33.763°N 75.209°E / 33.763; 75.209निर्देशांक: 33°45′47″N 75°12′32″E / 33.763°N 75.209°E / 33.763; 75.209
देश भारत
प्रान्तजम्मू और कश्मीर
ज़िलाअनन्तनाग ज़िला
ऊँचाई2740 मी (8,990 फीट)
जनसंख्या (2011)
 • कुल9,264
भाषा
 • प्रचलितकश्मीरी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड192126
वाहन पंजीकरणJK-03

नामोत्पत्ति

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"पुहेअल" का अर्थ कश्मीरी भाषा में "चरवाहा" होता है और "पहलगाम" का अर्थ "चरवाहों का गाम (गाँव)" होता है। यह स्थान मर्ग (घासभूमियों) से घिरा हुआ है और ग्रीष्मऋतु में पशु चराने के लिए उत्तम स्थान है। नामोत्पत्ति की एक अन्य मान्यता भी है, कि इस स्थान को "बैलगाम" कहा जाता था, क्योंकि यहाँ नन्दी होने की मान्यता है, जो समीप की अमरनाथ गुफा की ओर संकेत करती है।[5]

पहलगम अपने शंकुधारी वनों के लिए प्रसिद्ध है। यह श्रीनगर से 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और घने जंगलों, खूबसूरत झीलों और फूलों के घास के मैदानों से घिरा हुआ है। यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय : जून से अक्टूबर, दिसम्बर और जनवरी बर्फ के लिए है। यहाँ से बेताब और अरु घाटियों की यात्रा, घुड़सवारी, कैनोइंग, इत्यादि करे जा सकते हैं।

इन्हें भी देखें

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  1. "Jammu, Kashmir, Ladakh: Ringside Views," Onkar Kachru and Shyam Kaul, Atlantic Publishers, 1998, ISBN 9788185495514
  2. "District Census Handbook, Jammu & Kashmir Archived 2016-05-12 at the वेबैक मशीन," M. H. Kamili, Superintendent of Census Operations, Jammu and Kashmir, Government of India
  3. "Restoration of Panchayats in Jammu and Kashmir," Joya Roy (Editor), Institute of Social Sciences, New Delhi, India, 1999
  4. "Land Reforms in India: Computerisation of Land Records," Wajahat Habibullah and Manoj Ahuja (Editors), SAGE Publications, India, 2005, ISBN 9788132103493
  5. Hazra, Rajendra Chandra (2003). Rise of Epic and Purāṇic Rudra-Śiva Or Śiva Maheśvara (अंग्रेज़ी में). Sri Balaram Prakashani. पृ॰ 71.