पांपेई (Pompei) दक्षिणी इटली के नेप्लीज (Naples) प्रान्त का एक नगर और कम्यून है। यह प्राचीन रोमकालीन भग्नावशेषों (ruins) के लिए प्रसिद्ध है। वर्ष २०१० में यहाँ की जनसंख्या 25,671 थी।

पंपेई के रोमनकालीन भग्नावशेष

परिचय संपादित करें

पांपेई विस्यूवियस ज्वालामुखी पर्वत के पादप्रदेश में पर्वत से एक मील दूर नेपल्ज़ के निकट इटली के कैपेन्या प्रदेश का प्राचीन नगर एवं बंदरगाह है। पहले उन्नत बंदरगाह के अतिरिक्त यह संपन्न पोताश्रय भी था। पांपेइ पहली शताब्दी में ही व्यापक जनसंख्या सहित एक प्रसिद्ध स्थान हो गया था, लेकिन ६३ ई. में आए विशाल भूकंप ने इसे नष्ट कर दिया और नगरवासी अभी इसकी मरम्मत भी नहीं कर पाए थे कि ७९ ई. के विस्यूवियस के भयंकर उद्गार ने इस नगर एवं इसके साथ हरक्यूलेनियम और स्टैविया को भी मलबे के अंदर ढक दिया। अब नगर का पुनर्निर्माण असंभव था अत: यह नीला राज्य से मिला दिया था।

डोमेनिको फांटेना (Domenico Fontana) नामक वास्तुविद ने यहाँ के कुछ खंडहरों एव शिलालेखों (१५९४-१६०० ई.) का पता लगाया। पहले यह नगर एक दीवार से घिरा था। नगर का विस्तार दो मील के घेरे में था। सड़के सीधी थीं। थरमेइ यहाँ का प्रमुख भवन था। १७६३ ई. से इस प्राचीन नगर की क्रमबद्ध खुदाई होती चली आ रही है। सन् १८६१ से लेकर अब तक इटली की सरकार द्वारा खुदाई कार्य हो रहा है। सुविधानुसार इस नगर को छह या नौ भागों में बाँट दिया गया है। तथा पुन: इन्हें खंडों में बाँटकर फाटकों, सड़कों एवं भवनों का नामकरण सुविधानुसार किया गया है। सड़कों, पगडंडियों, मूर्तियों से सुशोभित निजी भवनों, साधारण दूकानों तथा कालाकारों के गुहों की योजनाओं से उस समय के नगरनिवासियों की आदतों और कार्यकलापों का विस्तारपूर्वक पता चलता है।

लेखों से पला चलता है कि उस समय नगर में ओस्कान (Oscan) एवं ग्रीक मुख्य निवासी थे तथा यहूदी (Jews) भी रहते थे। अस्थिपंजरों की खोज से पता चला है कि ७९ई. के उद्गार में केवल नगर में २,००० व्यक्ति मरे थे। मुख्य बाजार ४६७ फुट लंबा तथा १२६ फुट चौड़ा था, तथा यह नागरिक जीवन एवं कार्यशीलता का केंद्र था। मुख्य बाजार के निकट ही जुपिटर, जूनो, मिनर्वा या कैपिटोलियम मंदिरों के अतिरिक्त पाँच अन्य मंदिरों के भी अवशेष मिले हैं। यहाँ छठी शताब्दी ईसा पूर्व का एक बहुत ही आकर्षक एवं अपूर्ण ग्रीक मंदिर मिला है। ग्रोमा (Groma, एक यंत्र जिससे रोम निवासी सर्वेक्षण करते थे) का अवशेष भी मिला है। भवन एव ग्रामगृह रोमन कला की दुर्लभता और सुंदरता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। यहाँ सर्जनों, मूर्तिकारों, लोहारों आदि के आवास मिले हैं, जहाँ बहुत से औजार तथा यंत्र भी रखे हुए थे। यहाँ की कांस्यमूर्तियों की नेपल्ज़ के संग्रहालय में रखा जाता रहा है लेकिन अब यहीं इनके रखवाने की व्यवस्था की गई है। पांपेइ की कला परिवर्तनशील शैली की है (शुद्ध ग्रीक शैली से लेकर रोमन राज्य तक)। इनमें सबसे बड़ा दोष निम्नकोटि की समग्री का प्रयोग है। सामान्यत: लावा या ज्वालामुखी चट्टान या सारनो (Sarno) चूना पत्थर का प्रयोग हुआ है। कहीं कहीं ही संगमरमर लगे हैं।

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