पालतू पशु बीमा (पेट इन्शुरेंस) पालतू पशुओं के लिए एक विशेष प्रकार का बीमा है, जो पालतू जानवरों के समग्र स्वास्थ्य और कल्याण की सुरक्षा के लिए बना है। यह बीमा, पालतू जानवरों को चिकित्सा और वित्तीय सहायता प्रदान करता है जब उनको इसकी ज़रूरत होती है। अपने प्यारे पालतू जानवरों की भविष्य की सुरक्षा हेतु तथा असमय व अचानक होने वाले खर्चों से मुक्ति पाने हेतु पालतू पशुओं के मालिक पालतू पशु बीमा करवाते है। पालतू जानवरों को पालना इतना आसान नहीं है क्योकि वो जब बड़े होते जाते हैं तो उनका वार्षिक नियमित खर्चा भी बढ़ता जाता है, जिनमें नियमित देखभाल, टीकाकरण, उनकी सौंदर्य देखभाल, टिक उपचार तथा जानवरों के डॉक्टर्स की फीस भी शामिल होती है। इसके साथ ही साथ अगर आपके पालतू जानवरों को किसी शल्य चिकित्सा की ज़रुरत पड़ गयी तो उसका खर्चा अलग से बढ़ जाता है। इन्ही सब परेशानियों से उपजे अतिरिक्त खर्चों के लिए ही पालतू जानवरों के स्मार्ट माता-पिता या उनके मालिक पालतू पशु बीमा करवाते हैं। इसी पालतू पशु बीमा के आधार पर, आपके प्यारे पालतू जानवरों को विशेष लाभ मिलेगा जिसमें तीसरे पक्ष के नुकसान के लिए कवरेज तथा पालतू पशु चोरी हो जाना भी शामिल है।[1] पालतू पशु बीमा की सबसे पहले शुरुवात १८९० में स्वीडन में हुयी थी।[2]

पालतू पशु बीमा की नीतियाँ

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पालतू पशु बीमा की नीतियां अलग अलग कंपनियों द्वारा और उनके प्रीमियम के हिसाब से अलग अलग हो सकती हैं। यहाँ हम उन सामान्य बातों या नीतियों का ज्ञान दे रहे हैं जिनको इस पालतू पशु बीमा में आमतौर पर या तो कवर किया जाता है या कवर नहीं किया जाता है।  


  1. सर्जरी, दवा, एक्स-रे, रक्त परीक्षण तथा आपातकालीन देखभाल।
  2. दाँतों की बीमारियाँ।  
  3. दुर्घटनायें जैसे जहर खा लेना या काटने के घाव, चोरी होना।  
  4. बीमारियां जैसे मधुमेह, कैंसर, तथा गैस्ट्रिक सूजन।  
  5. टूटे हुए दाँत तथा मसूड़े का रोग।
  6. एलर्जी, तथा हिप डिस्पलासिया।[3]
  7. आँख और कान में संक्रमण।
  8. सदमा तथा वात रोग।
  9. विदेशी वस्तुओं को निगल लेना।
  10. परजीवी संक्रमण


बीमा कवर में नहीं[4]

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  1. ऐसी चोट जो पहले से ही मौजूद हो।  
  2. ऐसी घटनाएं जिसमे पालतू जानवरों के मालिक की गलती हो जैसे पालतू जानवरों को मारना जिससे पालतू जानवर चोटिल हो जाये।
  3. पालतू जानवरों का टीकाकरण, सुंदरीकरण, तथा नाखून काटना जैसे खर्च को पालतू पशु बीमा कवर नहीं करता है।
  4. प्रजनन या घरघराहट के कारण जटिलताओं को भी यह बीमा कवर नहीं करता है।

बीमा की अन्य बातें

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हमारे पालतू जानवरों की उम्र इंसानों से बहुत कम होती है। इस छोटी सी ज़िन्दगी के बीच में असंख्य बीमारियों तथा दुर्घटनाओं से हमारे पालतू पशुओं को जूझना पड़ता है। पैसे की कमी होने से उनके मालिकों को भी बहुत से कष्ट झेलने पड़ते हैं। जिसका एक अकेला उपाय पालतू पशु बीमा हो सकता है। यह हमारे पालतू जानवरों के अस्पताल में भर्ती होने पर तो काम आता ही है साथ ही उनकी मृत्यु, सर्जरी, तथा उनके चोरी होने यहाँ तक उनके भाग जाने पर भी यह बीमा की रकम मिलती है। पालतू पशु बीमा आमतौर पर कुत्तों तथा बिल्लियों के लिए ही होता है मगर[5] इसमें गाय, भैंस, भार ढोने वाले ऊँट, घोड़ा, गधा, सांड, पाड़ा, बकरी तथा भेंड़ को शामिल किया गया है।[6]

बीमा के प्रकार[7]

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पालतू पशु बीमा के मुख्यतः ३ प्रकार होते हैं।

  1. व्यापक (दुर्घटना तथा बीमारी) कवरेज पालतू पशु बीमा।  
  2. केवल दुर्घटना कवरेज पालतू पशु बीमा।  
  3. बुनियादी कल्याण देखभाल पालतू पशु बीमा।


व्यापक कवरेज पालतू पशु बीमा

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बीमा में शामिल

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  1. इसमें दुर्घटनायें जैसे कि काटने का घाव, निगली हुयी वस्तुयें, टूटी हुयी हड्डियां आदि को कवर किया गया है।
  2. इसमें कैंसर, गठिया तथा मधुमेह जैसे रोगों को कवर किया गया है।
  3. इसमें सामान्य बीमारी जैसे त्वचा का संक्रमण तथा मूत्र संक्रमण शामिल हैं।
  4. यदि आपका पालतू पशु अत्यधिक चाटना, विनाशकारी चीज़े चबाने जैसे व्यवहारिक गतिविधियों को करता है तो इससे उत्पन्न समस्याओं को भी इस बीमा में कवर किया गया है।
  5. चिकित्सक द्वारा लिखी दवाओं, एक्स-रे, सिटी स्कैन, एमआरआई,  तथा रक्त परीक्षणों को भी इसी बीमा पालिसी में कवर किया गया है।
  6. पालतू जानवरों के टूटे दाँत, रुट कैनाल, तथा पेरियोडोंटल जैसे रोग को भी इसी पालिसी में कवर किया गया है।

बीमा में शामिल नहीं

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  1. इसमें प्रजनन तथा गर्भधारण को शामिल नहीं किया गया है।
  2. इसमें पालतू पशुओं का सुंदरीकरण कवर नहीं किया गया है।
  3. इसमें पालतू पशुओं की क्लोनिंग शामिल नहीं है।  
  4. इसमें जानबूझ कर अपने पालतू पशु को चोट पहुँचाना शामिल नहीं है।
  5. भोजन करना शामिल नहीं है।  
  6. प्रतीक्षा अवधि के दौरान होने वाली स्थितियां इसमें शामिल नहीं है।  


केवल दुर्घटना कवरेज पालतू पशु बीमा

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इस पालतू पशु बीमा में क्या शामिल है

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  1. इसमें बीमारियों को कवर नहीं किया जाता है।
  2. इसमें केवल दुर्घटना या चोट लगने पर आपातकालीन पशुचिकित्सक देखभाल के अंतर्गत परिक्षण, उपचार, सर्जरी, तथा परीक्षा शुल्क शामिल है।
  3. यदि आपके पालतू पशु ने किसी जहरीली चीज़ या विदेशी वस्तु निगल ली है या फिर उसको लू लग गयी है तो इस दुर्घटना को इसमें कवर किया जाता है।
  4. किसी दुर्घटना में हड्डी टूट जाना, मधुमक्खी के डंक से चोट लग जाना या आपका पालतू पशु किसी कार की चपेट में आ कर चोटिल हो गया हो तो इन सबको इस बीमा पालिसी में कवर किया जाता है।

इस पालतू पशु बीमा में क्या शामिल नहीं है

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  1. यदि आपके पालतू पशु को कोई बीमारी जैसे कैंसर या दाँतों की बीमारी है तो इसको इस बीमा में कवर नहीं किया गया है।
  2. यदि आपके पालतू पशु में कोई बीमारी या स्थितियां पहले से ही ,मौजूद है तो उनको भी इस बीमा से दूर रखा गया हैं।  
  3. यह बीमा आपके पशुओं की नियमित जाँच तथा व्यवहार सम्बन्धी देखभाल को कवर नहीं करता है।

बुनियादी कल्याण देखभाल पालतू पशु बीमा

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इस पालतू पशु बीमा में क्या शामिल है

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  1. मल परीक्षण
  2. मूत्र विश्लेषण
  3. दाँतों की सफाई
  4. टिकाकरण
  5. परजीवी रोकथाम
  6. माइक्रोचिपिंग

इस पालतू पशु बीमा में क्या शामिल नहीं है

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  1. कॉस्मेटिक सर्जरी
  2. गर्भावस्था
  3.  नाखून काटना  
  4. संवारना  
  5. चोट
  6. बीमारियां (पुरानी शर्तें)
  1. "Pet Insurance".
  2. "Pet Insurance: What it is, History, How it Works". Investopedia (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-02-14.
  3. "HOW DOES PET INSURANCE WORK?".
  4. "What Does Pet Insurance Cover?". Money (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-02-14.
  5. "अपने पालतू का बीमा कराएं और इलाज के भारी खर्च से जान बचाएं".
  6. "पशु बीमा योजना में गरीबों को 70 प्रतिशत राहत".
  7. "Types of Pet Insurance". Investopedia (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-02-14.