पर्णिन अश्व तारामंडल
पर्णिन अश्व या पॅगासस (अंग्रेज़ी: Pegasus) तारामंडल पृथ्वी के उत्तरी भाग से आकाश में नज़र आने वाला एक तारामंडल है। दूसरी शताब्दी ईसवी में टॉलमी ने जिन ४८ तारामंडलों की सूची बनाई थी यह उनमें से एक है और अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ द्वारा जारी की गई ८८ तारामंडलों की सूची में भी यह शामिल है। पुरानी खगोलशास्त्रिय पुस्तकों में इसे अक्सर एक परों वाले घोड़े के रूप में दर्शाया जाता था। प्राचीन यूनानी कथाओं में पॅगासस एक पंखदार उड़ने वाला घोड़ा था। संस्कृत में "पर्ण" का मतलब "पंख" या "पत्ता" होता है, "पर्णिन" का मतलब "पंखवाला" होता है और "अश्व" का मतलब "घोड़ा" होता है। कुछ स्रोतों ने इस तारामंडल को "हयशिर" का भी नाम दिया है, जो रामायण में चर्चित एक दिव्यास्त्र का नाम था।[1]
तारे
संपादित करेंपर्णिन अश्व तारामंडल में सत्राह मुख्य तारे हैं, हालांकि वैसे इसमें दर्ज़नों तारे स्थित हैं। सन् २०१० तक इनमें से नौ सितारों के इर्द-गिर्द परिक्रमा करते ग्रहों की मौजूदगी क बारे में वैज्ञानिकों को ज्ञात था। इस तारामंडल के कुछ तारों के नाम इस प्रकार हैं -
बायर नामांकन | नाम | अंग्रेज़ी नाम | नाम का अर्थ (अरबी में) |
---|---|---|---|
α | मरकब | Markab | घोड़े की जीन |
β | साएद | Scheat | टांग |
γ | अल-जानिब | Algenib | बग़ल |
ε | एनफ़ | Enif | नाक |
ζ | हुमाम | Homam | जोशीला आदमी |
η | मतर | Matar | वर्षा का सौभाग्यशाली तारा |
θ | बहाम | Baham | ढोर-मवेशी |
μ | सैद अल-बरी | Sadalbari | उत्तम वाले का सौभाग्यशाली तारा |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Gunakar Mule. "Aakash Darshan". Rajkamal Prakashan Pvt Ltd, 2003. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788126705658.
... Pegasus पेगासस हयशिर ...