पेड़ा एक प्रकार का पकवान है जो खोये तथा शक्कर से बनाया जाता है। यह आकार में गोल होता है। पेड़ा बनाने के लिए खोया (मावा) व शक्कर मुख्य सामग्री है। इसमें पारम्परिक स्वाद के लिए इलायची के दाने, केसर तथा पिस्ता भी मिलाये जाते हैं। पेड़ा शब्द का उपयोग सामान्य रूप से किसी भी कोमल गोल आकार की वस्तु के लिए किया जाता है जैसे आटा और खोया। इस मिठाई के लिए अनेक प्रकार के शब्द और नाम जैसे पेढा, पेंडा (गुजराती में), पेरा और पिन्नी सम्मिलित हैं, जिन सब नामों का मूल संस्कृत शब्द "पिण्डक" से है।

पेड़ा
उद्भव
वैकल्पिक नाम Peda, Pedha, Pera
संबंधित देश भारत
व्यंजन का ब्यौरा
भोजन मिठाई, प्रसाद
मुख्य सामग्री खोया, शक्कर

पेड़ा बनाने के लिए खोया कद्दूकस कर के कढ़ाई में डाला जाता है. साथ ही इसमें चीनी भी मिला कर इसे मध्यम आंच पर पकाया जाता है.जब चीनी घुल जाती है तब इसमें केसर और इलायची पाउडर डाल कर इसे गाढ़ा होने तक पकाया जाता है.फिर इसे आंच से उतार कर, ठंडा होने पर हाथों में घी लगा कर मध्यम आकार के पेड़े बनाये जाते हैं।[1]

विभिन्न त्यौहारों या अवसरों पर विशेष व्यंजन के तौर पर इसे परोसने के अलावा यह एक व्रत रेसिपी भी है जो कि जन्माष्टमी, शिवरात्रि, नवरात्रि या करवा चौथ जैसे व्रतों में बनाई जाती है.

पेड़ा प्राय: पिस्ता की कतरन और इलायची के दानों से सजाया जाता है. पेड़े की कुछ रेसिपीज़ में इसे बादाम से भी सजाया जाता है.[2]

पेड़े का उद्भव उत्तर प्रदेश के मथुरा नगर में हुआ था। मथुरा पेड़ा, मथुरा नगर की विविध मिठाइयों में से विशिष्ट है। पेड़ा उत्तर प्रदेश से लेकर भारतीय उपमहाद्वीप के विभिन्न भागों में फैला हुआ है।

लखनऊ के ठाकुर राम रतन सिंह, जिन्होंने धारवाड़ (वर्तमान में कर्नाटक) से पलायन किया, ने 1850 के दशक में पेड़े का आरम्भ किया था। यह विशिष्ट प्रकार का पेड़ा अब धारवाड़ पेड़े‌ के रूप में प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र में सतारा का कांदी पेड़ा, पेड़े की एक और जानी-मानी प्रकार है। भारत में धार्मिक आयोजनों में प्रसाद के रूप में बहुत बार लड्डुओं के जैसे पेड़े का भी वितरण किया जाता है।

  1. "पेड़ा रेसिपी विडियो".
  2. "बादाम पेड़ा रेसिपी". मूल से 5 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 अक्तूबर 2016.