पेरिस समझौता (फ़्रान्सीसी: फ़्रान्सीसी‎, अंग्रेज़ी: Paris Agreement), या पेरिस जलवायु समझौता जलवायु परिवर्तन पर बना एक अंतरराष्ट्रीय समझौता है। इसे ड्राफ्ट के रूप में 2015 में तैयार गया था, जिसमें मुख्य मुद्दा ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन शमन, अनुकूलन और इस कार्य में लगने वाले वित्तीय खर्च शामिल था। इस पर पेरिस में हुए 21वें सम्मेलन में 196 पार्टियों ने 12 दिसम्बर 2015 आम सहमति से अपनाया था। 195 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किए और 148 ने इसकी पुष्टि भी की है।

पेरिस समझौता

██ सदस्य ██ हस्ताक्षर██ सदस्य, जो यूरोपीय संघ के अंतर्गत आते हैं।██ हस्ताक्षर, जो यूरोपीय संघ के अंतर्गत आते हैं।
मसौदा 30 नवम्बर – 12 दिसम्बर 2015
हस्ताक्षरित
- स्थान
22 अप्रैल 2016
न्यूयॉर्क
सील की गयी 12 दिसम्बर 2015
प्रभावी 4 नवम्बर 2016
हस्ताक्षरी 195
पार्टियां 148
भाषाएं अरबी, चीनी, अंग्रेजी, फ्रांसीसी, रूसी और स्पेनी

यह सदस्य देशो पर कानूनी रूप से बाध्यकारी है।

समझौतों के लक्ष्य[1]

  • वैश्विक औसत तापमान में वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना और तापमान वृद्धि को 1.5 °C तक सीमित रखना। जिससे जलवायु परिवर्तन के जोखिम और प्रभाव को कम किया जा सके।
  • जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों को बढ़ावा देना और ग्रीनहाउस उत्सर्जन को कम करने की क्षमता का विकास करना, इस तरह कि इससे खाद्य उत्पादन को कोई खतरा न हो।
  • ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को कम करने और जलवायु को ठीक करने की दिशा में संगत वित्त प्रवाह करना।

पेरिस समझौता दुनिया का पहला व्यापक जलवायु समझौता है।[2]

राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान

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  1. "Paris Agreement, FCCC/CP/2015/L.9/Rev.1" (PDF). UNFCCC secretariat. अभिगमन तिथि 12 दिसम्बर 2015.
  2. "U.S. and China announce steps to join the Paris accord that set nation-by-nation targets for cutting carbon emissions". Cbs news. 3 सितम्बर 2016. मूल से 3 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 सितम्बर 2016.

बाहरी कड़ियाँ

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