पेरीडोलिया
पेरीडोलिया (pareidolia; पैरिडोलिया अथवा पैरेडोलिया भी)[1] किसी धूंधले उद्दीपक के अर्थपूर्ण व्याख्या के रूप में देखने की प्रवृति है। सामान्यतः इसमें दृश्य भाव को शामिल किया जाता है जिसमें कोई व्यक्ति क्सी ऐसे स्थान पर कुछ वस्तु, स्वरूप अथवा कुछ अर्थहीन देखता (संसूचित करता) है जबकि वहाँ कुछ भी नहीं है। पैरीडोलिया एक प्रकार का एपोफेनिया है जिसमें विलगित घटनाओं को जोड़कर देखनी की कोशिश की जाती है।
इसके कुछ सामान्य उदाहरणों में बादलों के निर्माण में वस्तुओं, चेहरों अथवा पशुओं की तस्वीरें देखना (विभिन्न संस्कृतियों में ऐसा देखा जाता है); अचेतन/निर्जीव वस्तुओं में चेहरे देखना; चन्द्रमां पर मानव अथवा खरगोस देखने जैसे चन्द्र-पेरीडोलिया आदि। पेरीडोलिया की अवधारणा को रिकॉर्ड किये संगीत को विपरीत स्वर में चलाकर अथवा सामान्य से उच्च- या निम्न-गति के साथ चलाकर छुपे हुये सन्देशों के रूप में विस्तारित करना भी शामिल है। इसमें यादृच्छिक रव में विशिष्ट ध्वनियां (पूर्णतः अस्पष्ट) सुनना भी शामिल हैं जिसके उदाहरण के रूप में पंखे अथवा वातानुकुलन की आवाज में कुछ विशेष ध्वनि को सुनना शामिल है।[2][3] चेहरे का पेरीडोलिया रीसस बंदरों पर प्रदर्शन किया जा चुका है।[4]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अगर इन Photos में दिख रहा है कोई चेहरा, तो इस बीमारी के शिकार हैं आप". दैनिक भास्कर. 2017-05-03. अभिगमन तिथि 22 नवम्बर 2024.
- ↑ जेकेल, फिलिप (2017-01-29). "Why we hear voices in random noise" [हम अनियमित शोर में आवाज़ें क्यों सुनते हैं] (अंग्रेज़ी में). नॉटिलस. अभिगमन तिथि 22 नवम्बर 2024.
- ↑ बाउमन, नील (2015-07-09). "Apophenia, Audio Pareidolia and Musical Ear Syndrome" (अंग्रेज़ी में).
- ↑ Taubert, Jessica; Wardle, Susan G.; Flessert, Molly; Leopold, David A.; Ungerleider, Leslie G. (2017). "Face Pareidolia in the Rhesus Monkey". Current Biology. 27 (16): 2505–2509.e2. PMID 28803877. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0960-9822. डीओआइ:10.1016/j.cub.2017.06.075. पी॰एम॰सी॰ 5584612.