पैप्टिक अल्सर
गैस्ट्रिक अल्सर पाचन तंत्र के अस्तर पर घावों को कहा जाता है। ये अम्ल (एसिड) की अधिकता के कारण आमाशय या आंत में होने वाले घाव के कारण होते हैं। अल्सर अधिकतर ड्यूडेनम (आंत का पहला भाग) में होता है। दूसरा सबसे आम भाग पेट है (आमाशय अल्सर)। पैप्टिक अल्सर के कई कारण हो सकते हैं:
- जीवाणु का एक प्रकार हेलिकोबैक्टर पाइलोरी कई अल्सरों का कारण है।
- अम्ल तथा पेट द्वारा बनाये गये अन्य रस पाचन पथ के अस्तर को जलाकर अल्सर होने में योगदान कर सकते हैं। यह तब होता है जब शरीर बहुत ज्यादा अम्ल बनाता है या पाचन पथ का अस्तर किसी वज़ह से क्षतिग्रस्त हो जाए।
- व्यक्ति में शारीरिक या भावनात्मक तनाव पहले से ही उपस्थित अल्सर को बढ़ा सकते हैं।
- अल्सर कुछ दवाओं के निरंतर प्रयोग, जैसे दर्द निवारक दवाओं के कारण भी हो सकता है।
पेप्टिक अल्सर वर्गीकरण एवं बाह्य साधन | |
डीप पेप्टिक अल्सरDeep gastric ulcer | |
आईसीडी-१० | K25.-K27. |
आईसीडी-९ | 531-534 |
डिज़ीज़-डीबी | 9819 |
ईमेडिसिन | med/1776 ped/2341 |
एम.ईएसएच | D010437 |
संभावित लक्षणसंपादित करें
- जब आप खाते या पीते हैं तो बेहतर महसूस करते है तथा फिर 1 या 2 घंटे बाद स्थिति बदतर (ड्यूडेनल अल्सर) हो जाती है
- जब आप खाते या पीते हैं तो अच्छा महसूस नहीं करते (पेट का अल्सर)
- पेट दर्द जो रात में होता है
- पेट में भारीपन, फूला हुआ, जलन या हल्का दर्द महसूस हो
- वमन
- अनपेक्षित रूप से वजन का घटना
प्रबंधनसंपादित करें
- धूम्रपान न करें
- प्रदाहनाशी दवाओं से बचें जब तक एक चिकित्सक द्वारा न दी जाए
- कैफीन तथा शराब से बचें
- मसालेदार भोजन से बचें यदि वे जलन पैदा करते हैं।
चेतावनी लक्षणसंपादित करें
- रक्त वमन हो या घंटों या दिनों पहले खाये भोजन का वमन करें या हमेशा मतली हो या लगातार वमन हो।
- असामान्य रूप से कमजोरी या चक्कर महसूस हो।
- मल में रक्त हो (रक्त आपके मल को काला या राल की तरह बना सकता हैं।)
- अचानक तेज दर्द हो, दवाई लेने पर भी दर्द दूर नहीं होता हो और दर्द पीठ तक पहुंचे।
- वजन लगातार घट रहा हो