प्रभासगिरि उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में स्थित एक जैन तीर्थ है। यह प्रयागराज से लगभग 60 किमी दूर है। यहाँ छठवें जैन तीर्थंकर भगवान पद्मप्रभु का मंदिर है जो पूरे वर्ष पर्यटकों को आकर्षित करता है। प्रभासगिरि हिन्दुओं के लिए भी एक पवित्र स्थल है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने अंतिम दिन यहीं पर बिताये थे।

इस कस्बे में अनेक गुफाएं भी हैं। ये गुफाएं ऐतिहासिक महत्त्व रखती हैं। इन गुफाओं की दीवारों पर ब्राह्मी लिपि लिखी गई है।

प्रभागिरि के निकट ही काड़ा और मंझनपुर हैं। काड़ा में अनेक हिन्दू मंदिर हैं जिनमें शीतला माता मंदिर, छेत्रपाल मंदिर, हनुमान मंदिर और कालेश्वर मंदिर आदि शामिल हैं। शीतला माता मंदिर गंगा नदी के तट पर स्थित है और यह माता के 51 शक्तिपीठों में से सबसे बड़ा है। मंझनपुर भी एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है जहाँ पर कामासिन माता का मंदिर मुख्य आकर्षण है।

प्रभासगिरि घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च के बीच है। इस समय यहाँ का मौसम हल्का और सुहावना होता है। प्रभास गिरि के लिए हवाई, रेल और सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।

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