प्रमोद करण सेठी
डॉक्टर प्रमोद करण सेठी (28 नवम्बर 1927 - 06 जनवरी 2008) दुनियाभर में मशहूर 'जयपुर पांव' के जनक थे। श्री रामचन्द्र शर्मा के साथ मिलकर उन्होने सन् १९६९ में 'जयपुर पांव' नामक सस्ता एवं लचीला कृत्रिम पैर का विकास किया। वे हड्डी रोग विशेषज्ञ और मैगसायसाय व पद्मश्री पुरस्कारों से सम्मानित थे।
परिचय
संपादित करेंकाशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में भौतिकी के प्रोफेसर डॉ॰ एन. के. सेठी के यहां 23 नवम्बर 1927 को जन्मे डॉक्टर प्रमोद करण सेठी ने आगरा विश्वविद्यालय से सात विषयों में सर्वोच्च अंकों के साथ एमबीबीएस की परीक्षा और 1952 में मास्टर ऑफ सर्जरी (एमएस) की उपाधि हासिल की। डॉ॰ सेठी ने 1954 में इंग्लैंड के एडिनबरा से एफआरसीएस की डिग्री ली।
डॉक्टर प्रमोद करण सेठी ने एक सर्जन के रूप में 1954 में सवाई मानसिंह अस्पताल में अपनी सेवा शुरू की और नवस्थापित अस्थि विभाग में खुद को एक विशेषज्ञ के रूप में स्थापित किया।
यहां कार्यरत रामचंद के सहयोग से डॉक्टर सेठी ने 1969 में 'जयपुर फुट' को विकसित कर उसे विश्व पटल पर स्थान दिलाया। उनकी इस खोज ने किसी न किसी वजह से अपना पांव गंवाने वाले लाखों-करोड़ों लोगों को अपने पांवों पर चलने के काबिल बनाया। जयपुर के नाम पर रखे गए 'जयपुर फुट' का पूरी दुनिया में इतने लोगों ने इस्तेमाल किया कि डॉक्टर सेठी को इसके लिए गिनेस बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड्स में स्थान दिया गया। मशहूर एक्ट्रेस सुधा चंद्रन को भी जयपुर फुट से नई जिंदगी मिली थी।
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- अब 'जयपुर हाथ' भी बनेगा[मृत कड़ियाँ]
- लेबनान तक जा पहुँचा 'जयपुर फ़ुट'
- Time Magazine article on PK Sethi and Jaipur Foot
- The 1981 Ramon Magsaysay Award for Community Leadership: Biography of Pramod Karan Sethi Archived 2009-08-05 at the वेबैक मशीन
- New York Times: P. K. Sethi, Inventor of the Low-Tech Limb, Is Dead at 80
- News item about Dr. Sethi's death