प्रवासिनी महाकुड
‘’’प्रवासिनी महाकुड’’’ (१९५७ जन्म) ओडिया साहित्य की एक प्रख्यात कवयित्री तथा अनुवादक हैं । उनकी बारह कविता संकलन प्रकाशित हो चुकी हैं, तथा अनेक कविता हिन्दी व अन्य भाषाओं में अनुवादित हैं ।
बाल्यकाल व शिक्षा
संपादित करेंप्रवासिनी ओड़िसा के कालाहांडी ज़िला के कोकसरा गाँव में जन्म हुए थे । उनके तीन बहनें भी थीं । उन्होंने ओडिया साहित्य में स्नातकोत्तर डिग्री हासिल की थी ।
साहित्य कृति
संपादित करें- जेऊँ रास्ता मोर निजर (जो रास्ता मेरा अपना)
- प्रति थर शोष (हर बार प्यास)
- धाडिए शिऊलि फुल (शेवलि फूलों की क़तार)
पुरस्कार व सम्मान
संपादित करेंप्रवासिनी महाकुड अपनी कविता पुस्तक “धाडिए शिमिलि फुल” के लिए २००९ में ओड़िसा साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित हुए थे ।