रंग या वर्ण, चाक्षुक या आभासी कला के महत्वपूर्ण अंग हैं ।
वर्ण या
रंग आभास बोध का मानवी गुण धर्म है, जिसमें
लाल,
हरा,
नीला, इत्यादि होते हैं । रंग, प्रकाश की किरणों के, मानवी आँखों की
रेटिना के
वर्णक्रम से मिलने पर छाया सम्बंधी गतिविधियों से उत्पन्न होते हैं । रंग की श्रेणियाँ एवं भौतिक विनिर्देश, वस्तु, प्रकाश स्त्रोत, इत्यादि की भौतिक गुणधर्म जैसे प्रकाश
अन्तर्लयन,
विलयन,
समावेशन,
परावर्तन या
वर्णक्रम उत्सर्ग पर निर्भर भी करते हैं ।
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