फरक्का परियोजना

(फरक्का बैराज से अनुप्रेषित)

यह भारत की एक प्रमुख नदी घाटी परियोजना हैं।

फ़रक्का बांध (बैराज)
Pawan Kumar Bansal inspecting the damaged gate number 16 at the Farakka Barrage
फरक्का परियोजना is located in पश्चिम बंगाल
फरक्का परियोजना
पश्चिम बंगाल में फ़रक्का बांध (बैराज) की स्थिति
स्थानमुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल, India
निर्देशांक24°48′16″N 87°55′59″E / 24.80444°N 87.93306°E / 24.80444; 87.93306निर्देशांक: 24°48′16″N 87°55′59″E / 24.80444°N 87.93306°E / 24.80444; 87.93306
निर्माण आरम्भ1961
आरम्भ तिथि1972
निर्माण लागत156.49 crore
बाँध एवं उत्प्लव मार्ग
घेरावGanges River
लम्बाई2,240 मीटर (7,350 फीट)
चित्र:Farakka map.jpg
गंगा के चरम उत्कर्ष रूप; फरक्का बैराज, जहां से एक धारा कोलकाता को हुगली बन कर जाती है।

फ़रक्का बांध (बैराज) भारत के पश्चिम बंगाल प्रान्त में स्थित गंगा नदी पर बना एक बांध है। यह बांध बांगलादेश की सीमा से मात्र १० किलो मीटर की दूरी पर स्थित है।[1] इस बांध को १९७४-७५ में हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी ने बनाया था। इस बांध का निर्माण कोलकाता बंदरगाह को गाद (silt) से मुक्त कराने के लिये किया गया था जो की १९५० से १९६० तक इस बंदरगाह की प्रमुख समस्या थी। कोलकाता हुगली नदी पर स्थित एक प्रमुख बंदरगाह है। ग्रीष्म ऋतु में हुगली नदी के बहाव को निरंतर बनाये रखने के लिये गंगा नदी की के पानी के एक बड़े हिस्से को फ़रक्का बांध के द्वारा हुगली नदी में मोड़ दिया जाता है। इस पानी के वितरण के कारण बांगलादेश एवम भारत में लंबा विवाद चला। गंगा नदी के प्रवाह की कमी के कारण बांगलादेश जाने वाले पानी की लवणता बड़ जाती थी और मछ्ली पालन, पेयजल, स्वास्थ और नौकायान प्रभावित हो जाता था।[2] मिट्टी में नमी की कमी के चलते बांगलादेश के एक बड़े क्षेत्र की भूमी बंजर हो गयी थी।[3] इस विवाद को सुलझाने के लिये दोनो सरकारो ने आपस में समझौता करते हुए फ़रक्का जल संधि की रूप रेखा रखी।[4] गंगा नदी एक बारहमाशी नदी है जिसके जलस्तर मेंं जनवरी से जुलाई तक कमी देखी जाती है और अगस्त से सिप्तबर जल की मात्रा में वृदि दिखी जाती है इसकी वृदि 55,000 क्यूसेब व कमी 1300,कमी देखी गयी गंगा नदी का उदगम उत्तराखंड के गंगोत्री हिमनद से होता है जिसकी कुल लंबाई 2525 किलोमीटर है

वर्ष 1996 में भारत व बांग्लादेश के बीच गंगाजल समझौता हुआ जिसमें यह प्रावधान किया गया कि यदि फरक्का से पानी की आपूर्ति 70,000 क्यूसेक या उससे कम हो तब दोनों देश को उपलब्ध पानी का पचास-पचास प्रतिशत मिलेगा। यदि जल का प्रवाह 70,000 से 75,000 क्यूसेक होगा तो बांग्लादेश को 35,000 क्यूसेक और शेष पानी भारत के पास रहेगा। यदि फरक्का से पानी का प्रवाह 75,000 क्यूसेक से अधिक होगा तो भारत 40,000 क्यूसेक अपने लिए रखकर शेष बांग्लादेश को दे देगा।

  1. Bangladesh : a country study. Washington, D.C.: Federal Research Division. १९८९. पृ॰ 306. मूल से 11 जुलाई 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-01-10.
  2. Wolf, Aaron T. “Water and Human Security.” Journal of Contemporary Water Research and Education. 118. (2001): 29.
  3. "Indo-Bangladesh Common Rivers: The Impact on Bangladesh." Contemporary South Asia. 1. 2. (1992):5.
  4. "फ़रक्का जल संधि". मूल से 26 अक्तूबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अक्तूबर 2009.