फ़ालसा
फालसा दक्षिणी एशिया में भारत, पाकिस्तान से कम्बोडिया तक के क्षेत्र मूल का फल है। इसकी पैदावार अन्य उषणकटिबन्धीय क्षेत्रों में भी खूब की जाती रही है।[1][2]
फ़ालसा ग्रेविया एशियाटिका | |
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पुष्प एवं पत्ते | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
जगत: | पादप |
अश्रेणीत: | एंजियोस्पर्म |
अश्रेणीत: | एकबीजपत्री |
अश्रेणीत: | रोज़िड |
गण: | माल्वेल्स |
कुल: | माल्वेसी |
उपकुल: | w:Grewioideae |
वंश: | ग्रेविया |
जाति: | जी,एशियाटिका |
द्विपद नाम | |
ग्रेविया एशियाटिका L. | |
पर्यायवाची | |
ग्रेविया सुबिनाएक्वालिस DC. |
इसकी झाड़ी ८ मी तक की हो सकती है और पत्तियां चौड़ी गोलाकार, 5–18 सें मी लम्बी होती हैं। इसके फ़ूल गुच्छों में होते हैं, जिनमें एक-एक पुष्प २ सेंमी व्यास का होता है और इसमें १२ मि.मी की ५ पंखुड़ियाम होती हैं। इसके फल ५-१२ मि.मी व्यास के गोलाकार फ़ालसई वर्ण के होते हैं जो पकने पर लगभग काले हो जाते हैं। [1][3]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ Flora of Pakistan: Grewia asiatica Archived 2014-10-06 at the वेबैक मशीन
- ↑ Pacific Island Ecosystems at Risk: Grewia asiatica Archived 2014-10-06 at the वेबैक मशीन
- ↑ Flora of Western Australia: Grewia asiatica Archived 2007-09-01 at the वेबैक मशीन
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