फ़िरदौसिया एक सूफी संप्रदाय है जिसकी शुरुआत सुहरावरदिया संप्रदाय की शाखा के रूप में हुई है। इसे भारत में शेख बदरुद्दीन समरकंदी द्वारा प्रस्तुत किया गया था, और बाद में उनके दो शिष्यों, नजीबुद्दीन फिरदौसी और रुकनुद्दीन फिरदौसी ने इस सिलसिले को आगे बढ़ाया।[1][2][3] यह अधिकतर बिहारशरीफ के बड़ी दरगाह में दफन शेख शर्फुद्दीन अहमद याह्या मनेरी के जीवन के दौरान लोगो के बीच प्रचलित हुआ।[4][5] बिहार के मगध क्षेत्र में उनके सिलसिला के उत्तराधिकारियों की सबसे लंबी श्रृंखला थी। [6] सुहरावरदिया की विचारधारा सैफ अल दीन बखरजी से प्रेरित है, और इसका नाम भी बखरजी से लिया गया था, जिन्हें उनके आध्यात्मिक गुरु नजमुद्दीन कुबरा ने शेख अल-फिरदौस की उपाधि दी थी। फ़िरदौसिया सिलसिला चिश्ती सिलसिले से भी पहले स्थापित हुआ था।[7][8]

उल्लेखनीय सूफ़ी

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बदरुद्दीन समरकंदी

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शेख बदरुद्दीन समरकंदी एक भारतीय सूफी संत थे जिन्होंने इस सिलसिला को प्रस्तुत किया था।, इस सिलसिला को उनके दो छात्रों, जो आपस में सौतेले भाई, रुकनुद्दीन फिरदौसी और नजीबुद्दीन फिरदौसी द्वारा आगे बढ़ाया गया था। [9]

नजीबुद्दीन फिरदौसी

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नजीबुद्दीन फिरदौसी एक भारतीय सूफी संत थे जो शरफुद्दीन याह्या मनेरी के आध्यात्मिक गुरु थे।[10]

रुकनुद्दीन फिरदौसी

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रुकनुद्दीन फिरदौसी एक भारतीय सूफी संत थे जो बदरुद्दीन समरकंदी के मुरीद और खलीफा थे, वह नजीबुद्दीन फिरदौसी के सौतेले भाई और शिक्षक थे।[11]

हुसैन मुइज़ बल्खी

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शेख हुसैन मुइज़ बल्खी सूफी संत थे जिनका जन्म जौनपुर उत्तर प्रदेश में हुआ था और वे शर्फुद्दीन याहया मनेरी के छात्र मुजफ्फर शम्स बल्खी के भतीजे और आध्यात्मिक उत्तराधिकारी थे। वह फिरदौसी सूफी संत अहमद लंगर दरिया के पिता थे। [12] [13] [14]

शर्फुद्दीन याह्या मनेरी

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शेख शर्फुद्दीन अहमद बिन याह्या मनेरी बिन शेख इसराइल बिन इमाम मुहम्मद ताज फकीह इस संप्रदाय के एक महत्वपूर्ण सूफी संत थे, वह उनके शिष्य बनने के लिए निज़ामुद्दीन औलिया के पास गए, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और नजीबुद्दीन फिरदौसी से मिलने और फिरदौसी संप्रदाय का शिष्य बनने के लिए कहा। [15]

शाह शुऐब फिरदौसी शेखपूर्वी

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शेख शुएब फिरदौसी शेखपूर्वी शर्फुद्दीन अहमद याह्या मनेरी के चचेरे भाई और खलीफा थे, जिन्हें शेखपुरा जिले को बसाने वाले के रूप में जाना जाता है। उन्हें शेखपुरा के बड़ी दरगाह में दफनाया गया है। उन्होंने फ़िरदौसी सूफी संतों की जीवनी पर आधारित कृति मनाकिब-उल-अस्फिया लिखी। [16]

इशाक मगरबी फ़िरदौसी

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ख्वाजा इशाक मगरबी शेखपूर्वी शेख शरफुद्दीन याह्या मनेरी के शिष्य थे, जो बुखारा से आए थे। [17]

मिनहाजुद्दीन रास्ती

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मिन्हाजुद्दीन रस्ती शरफुद्दीन याह्या मनेरी के छात्र और आध्यात्मिक उत्तराधिकारी थे, वह गिलान, इराक से भारत आए थे। [18] [19] खानकाह-ए-मुजीबिया के तहत मदरसा-ए-मुजीबिया का दावा है कि उनकी मृत्यु 1385 में हुई थी और वह सबसे पहले बिहार के फुलवारी शरीफ से आए थे। [20]

  1. मुहम्मद
  2. अली
  3. इमाम हुसैन
  4. ज़ैनुल आबेदीन
  5. मुहम्मद बकर
  6. जफ़र सादिक
  7. मूसा काज़िम
  8. अली रज़ा
  9. मारुफ़ कारखी
  10. सारी अल-सकती
  11. बगदाद का जुनैद
  12. मुमशाद अल-दीनावारी
  13. अहमद असवद दिनवारी
  14. मुहम्मद बिन अब्दुल्ला अल-मारूफ
  15. वजीहुद्दीन अबुहाफ़्स
  16. नजमुद्दीन क़ुबरा
  17. सैफ अल-दीन बखरज़ी
  18. शेख बदरुद्दीन समरकंदी
  19. रुकनुद्दीन फिरदौसी
  20. नजीबुद्दीन फिरदौसी
  21. शर्फुद्दीन याहया मनेरी
  22. मिनहाजुद्दीन रस्ती

भारत आने वाले पहले फ़िरदौसी सूफी बदरुद्दीन समरकंदी थे। [17]

  1. Khan, Nasir Raza (2022-10-06). Sufism in India and Central Asia (अंग्रेज़ी में). Taylor & Francis. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-000-78519-7.
  2. Indian History (अंग्रेज़ी में). Allied Publishers. 1988. पृ॰ 193. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-8424-568-4.
  3. Luniya, Bhanwarlal Nathuram (1978). Life and Culture in Medieval India (अंग्रेज़ी में). Kamal Prakashan. पृ॰ 347.
  4. Dhir, Krishna S. (2022-01-01). The Wonder That Is Urdu (अंग्रेज़ी में). Motilal Banarsidass. पृ॰ 161. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-208-4301-1.
  5. Jha, Pankaj (2018-11-20). A Political History of Literature: Vidyapati and the Fifteenth Century (अंग्रेज़ी में). Oxford University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-19-909535-3.
  6. Mohamed, Malik (2023-12-01). The Foundations of the Composite Culture in India (अंग्रेज़ी में). Taylor & Francis. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-003-83095-5.
  7. Dalal, Roshen (2014-04-18). The Religions of India: A Concise Guide to Nine Major Faiths (अंग्रेज़ी में). Penguin UK. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-8475-396-7.
  8. Sinha, Bindeshwari Prasad (1983). Comprehensive History of Bihar (अंग्रेज़ी में). Kashi Prasad Jayaswal Research Institute. पृ॰ 414.
  9. Mohamed, Malik (2023-12-01). The Foundations of the Composite Culture in India (अंग्रेज़ी में). Taylor & Francis. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-003-83095-5.
  10. "Nitish offers 'chadar' at sufi saint's tomb". The Times of India. 2012-08-25. आइ॰एस॰एस॰एन॰ 0971-8257. अभिगमन तिथि 2024-01-29.
  11. Jackson, Paul (1987). The Way of a Sufi, Sharafuddin Maneri (अंग्रेज़ी में). Idarah-i Adabiyat-i Delli. पृ॰ 61.
  12. Chopra, Pran Nath; Puri, Baij Nath; Das, Manmath Nath (1974). A Social, Cultural, and Economic History of India (अंग्रेज़ी में). Macmillan India. पृ॰ 81. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-333-90049-9.
  13. Alam, Muzaffar (2021-08-01). The Mughals and the Sufis: Islam and Political Imagination in India, 1500–1750 (अंग्रेज़ी में). State University of New York Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-4384-8490-7.
  14. Askari, Syed Hasan (1985). Collected Works of Prof. S.H. Askari (अंग्रेज़ी में). Khuda Baksh Oriental Public Library. पपृ॰ 2, 5, 8.
  15. Neyazi, Arman (31 May 2021). "Makhdoom Sharfuddin Ahmed bin Yahya Maneri: Spiritual Heads and Their Effects on the Idea of India". www.newageislam.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2024-01-29.
  16. Hussain, Hamid (2007). Sufism and Bhakti Movement, Eternal Relevance (अंग्रेज़ी में). Manak Publications. पपृ॰ 32, 193. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7827-155-2.
  17. Munemi, Syed Shah Shamimuddin Ahmed (2011). Makhdoom-e-Jahan Shaikh Sharfuddin Ahmed Yahya Maneri: Jeevan Aur Sandesh (2nd संस्करण). Bihar Sharif: Madrasa Asdaqiya Makhdoom Sharaf. पपृ॰ 14–15, 29. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> अमान्य टैग है; ":0" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है
  18. Indo-iranica (अंग्रेज़ी में). Iran Society. 2002. पृ॰ 90.
  19. Safvi, Rana (2022-09-21). In Search of the Divine: Living Histories of Sufism in India (अंग्रेज़ी में). Hachette India. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-93-93701-16-9.
  20. Islam in India (अंग्रेज़ी में). Vikas Publishing House. 1989. पृ॰ 103.