फ़िरोज़ ख़ान
फ़िरोज़ ख़ान (25 सितंबर 1939 – अप्रैल 2009) हिन्दी फ़िल्मों के एक अभिनेता थे।[1][2] उन्होंने लंबी फ़िल्मी पारी खेली.वे अपनी खास शैली, अलग अंदाज और किरदारों के लिए जाने जाते रहे। . फ़िल्मों में कहीं वो एक सुंदर हीरो की भूमिका में हैं तो कहीं खूंखार विलेन के रोल में.दोनों हीं चरित्रों में फिरोज खान जान डाल देते थे।
फ़िरोज़ ख़ान | |
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जन्म |
25 सितम्बर 1939 |
पेशा | अभिनेता |
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करेंफ़िल्मकार फिरोज खान का जन्म 25 सितम्बर,1939 को बंगलौर में हुआ था। उनके पिता पठान थे जबकि माता ईरानी .उनके तीन और भाई भी फ़िल्मों से जुड़े . एक हैं संजय ख़ानदूसरे हैं अकबर खान और तीसरे हैं समीन खान अकबर ने जहाँ अभिनय में हाथ आजमाए वहीं समीर ने फ़िल्म निर्माण का क्षेत्र चुना.फिरोज खान की भतीजी और संजय खान की बेटी सुजान की शादी ऋतिक रौशन से हुई है, जो फ़िल्मकार राकेश रौशन के पुत्र हैं। फिरोज खान ने सुंदरी के साथ जिन्दगी का सफर 1965 में शुरू किया। दोनो 20 साल तक साथ रहे। . 1985 में उनके बीच तलाक हो गया।
सफरनामा
संपादित करेंफिरोज खान ने वर्ष 1960 में फ़िल्म दीदी से अपनी फ़िल्मी सफर शुरू किया। दर्जनों फ़िल्मों में अभिनय किया। कई फ़िल्में निर्देशित की.और भी कई भूमिकाओं से जुड़े रहे। .लगभग पांच दशक का फ़िल्मी सफर तय करते हुए फिरोज खान ने 2007 में आखिरी फ़िल्म दी-वेलकम, जिसमें वे खास अंदाज में पेश आए.उनका आरडीएक्स उपनाम खासा चर्चित रहा.आदमी और इंसान फ़िल्म के लिए उन्हें फ़िल्म फेयर अवार्ड मिला.उसके अलावे खान ने ऊंचे लोग, मैं वहीं हूं, अपराध, उपासना, मेला, आग जैसी फ़िल्मों से पहचान मिली. फ़िल्म धर्मात्मा, जानबाज, कुर्बानी, दयावान जैसी फ़िल्मों ने उन्हें शोहरत दिलाई. काफी दिनों तक कैंसर से जुझ रहे फिरोज खान ने बंगलौर के अपने फार्म हाउस में 27 मई,2009 की रात आखिरी सांस ली.
प्रमुख फिल्में
संपादित करेंवर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
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2007 | वैलकम | सिकन्दर | |
2003 | जानशीन | ||
1992 | य़लगार | राजेश अश्विनी कुमार | |
1988 | दो वक्त की रोटी | शंकर | |
1988 | दयावान | ||
1986 | जाँबाज़ | इंस्पेक्टर राजेश सिंह | |
1982 | कच्चे हीरे | ||
1981 | खून और पानी | ||
1980 | कुर्बानी | ||
1977 | जादू टोना | ||
1977 | दरिन्दा | ||
1976 | नागिन | राज | |
1976 | शराफत छोड़ दी मैंने | ||
1975 | काला सोना | राकेश | |
1975 | धर्मात्मा | ||
1975 | रानी और लालपरी | ||
1974 | अंजान राहें | आनन्द | |
1974 | इंटरनेशनल क्लॉक | एस राजेश | |
1974 | गीता मेरा नाम | राजा | |
1974 | खोटे सिक्के | ||
1972 | अपराध | ||
1971 | एक पहेली | सुधीर | |
1970 | सफर | शेखर कपूर | |
1969 | प्यासी शाम | अशोक | |
1967 | रात और दिन | दिलीप | |
1966 | तस्वीर | ||
1965 | ऊँचे लोग | ||
1964 | सुहागन | शंकर | |
1962 | मैं शादी करने चला |
बतौर निर्देशक
संपादित करेंवर्ष | फ़िल्म | टिप्पणी |
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2003 | जानशीन | |
1998 | प्रेम अगन | |
1992 | य़लगार | |
1988 | दयावान | |
1986 | जाँबाज़ | |
1980 | कुर्बानी | |
1975 | धर्मात्मा | |
1972 | अपराध |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Feroz Khan". The Daily Telegraph. London. 27 April 2009.
..one of Bollywood's biggest stars; with his swagger and tough-guy styling he was compared to American leading men like Clint Eastwood or Steve McQueen.
- ↑ Feroz Khan, the ultimate trendsetter of Bollywood buried[मृत कड़ियाँ] Press Trust of India.