फ्रांसिस प्रथम (फ्रांस का राजा)
फ्रांसिस प्रथम (१४९४-१५४७) फ्रांस का राजा जो वैलोई के चार्ल्स का पुत्र था। सन् १४९८ में लूई बारहवें के सिंहासनारूढ़ होने पर फ्रांसिस राज्य का संभावित उत्तराधिकारी मान लिया गया। सन् १५१९ में वह रोमन साम्राज्य के सिंहासन के लिए उम्मीदवार बना। इस पद पर चार्ल्स पंचम के चुन लिए जाने पर दोनों नरेशों में जो प्रतिद्वंद्विता प्रारंभ हुई, उसके परिणामस्वरूप १५२१-२९, १५३६-३८ और १५४२-४४ के युद्ध हुए। १५२५ के इटैलियन अभियान में बहादुरी से लड़ने के बाद पेविया नामक स्थान में उसे गहरी शिकस्त उठानी पड़ी। वह बंदी बना लिया गया और अपमानजनक संधि पर हस्ताक्षर होने के बाद ही उसे छुटकारा मिला।
फ्रांसिस प्रथम Francis I | |
---|---|
King of France | |
शासनावधि | 1 January 1515 – 31 March 1547 |
राज्याभिषेक | 25 January 1515 |
पूर्ववर्ती | Louis XII |
उत्तरवर्ती | Henry II |
Duke of Milan | |
Reign | 11 October 1515 – 19 November 1521 |
पूर्ववर्ती | Massimiliano Sforza |
उत्तरवर्ती | Francesco II Sforza |
जन्म | 12 सितम्बर 1494 Château de Cognac, France |
निधन | 31 मार्च 1547 Château de Rambouillet, France | (उम्र 52 वर्ष)
समाधि | Saint Denis Basilica, France |
जीवनसंगी | Claude, Duchess of Brittany Eleanor of Austria |
संतान among others... | Francis III, Duke of Brittany Henry II of France Madeleine, Queen of Scots Charles, Duke of Orléans Margaret, Duchess of Savoy |
घराना | Valois-Angoulême |
पिता | Charles, Count of Angoulême |
माता | Louise of Savoy |
धर्म | Roman Catholicism |
हस्ताक्षर |
वह बड़ी ही ढुलमुल नीति और अस्थिर विचारों का व्यक्ति था। उसके शासन काल में राज्य के अधिकारों और शक्ति में वृद्धि हुई। स्टेट्स जनरल (जनता, अमीरों तथा चर्च के प्रतिनिधियों की सभा) की बैठक बुलाई नहीं जाती थी और 'पार्लमेंट' के विरोध की परवाह नहीं की जाती थी। उसके खर्चीलेपन पर कोई नियंत्रण न था और अपनी प्रेमिकाओं तथा कृपापात्रों को उपहार तथा पेंशन आदि देकर वह मनमाना द्रव्य उड़ाया करता था जिससे प्रजा पर शासन का भार बढ़ता जाता था। वह साहित्यप्रेमी अवश्य था और विद्वानों का आदर करता था जिनमें उसके प्रशंसकों की कमी न थी।