बंगश (पश्तो: بنګښ‎, अंग्रेज़ी: Bangash) एक प्रमुख पश्तून क़बीले का नाम है। बंगश लोग पाकिस्तान के संघ-शासित क़बाईली क्षेत्र की कुर्रम एजेंसी और ख़ैबर-पख़्तूनख़्वा प्रान्त के हन्गू, कोहाट और पेशावर इलाक़ों में पाए जाते हैं। भारत में कुछ बंगश लोग उत्तर प्रदेश के फ़र्रूख़ाबाद ज़िले में भी बसे हुए हैं। फ़र्रूख़ाबाद के नवाबों ने वहाँ एक अलग अफ़्ग़ान मोहल्ला भी स्थापित किया हुआ था।[1] भारत के पद्म भूषण से सम्मानित मशहूर सरोद-कलाकार अमजद अली ख़ान एक बंगश पश्तून हैं।

भारत के पद्म भूषण-सम्मानित मशहूर सरोद वादक अमजद अली ख़ान एक बंगश पश्तून हैं

धर्म और भाषा

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बंगश धार्मिक नज़रिए से इस्लाम की शिया और सुन्नी शाखाओं में बंटे हुए हैं लेकिन आधुनिक युग के कट्टरवादी तालिबान के उभरने से पहले यह दोनों उपसमुदाय भाईचारे से रहते थे। बंगश लोग पश्तो भाषा की 'सख़्त' या 'काबुली' उपभाषाएँ बोलते हैं जिनमें अक्सर 'श' के स्थान पर 'ख़' बोला जाता है। इसमें बिंदु वाले 'ख़' अक्षर के उच्चारण पर ध्यान दें क्योंकि यह बिना बिन्दु वाले 'ख' से ज़रा भिन्न है। इसका उच्चारण 'ख़राब' और 'ख़रीद' के 'ख़' से मिलता है। इस सख़्त उपभाषा में 'पश्तो' को 'पख़्तो', 'पेशावर' को 'पेख़ावर', वग़ैराह बोलते हैं।[2]

इन्हें भी देखें

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  1. Circumambulations in South Asian history, D. H. A. Kolff, Om Prakash, Brill, 2003, ISBN 978-90-04-13155-2, ... The first Bangash Nawab of Farrukhabad, Muhammad Khan, was a son of Malik Ain Khan, descendant of an Afghan farmer in the Kabuli district of Bangash ...
  2. Imperial gazetteer of India, Volume 19, Sir William Wilson Hunter, Great Britain. India Office, Clarendon Press, 1908, ... It has two main dialects : a hard or north-eastern (Pakhto), and a soft or south-western (Pashto) ... Thus, Pakhto is spoken in Bajaur, Swat, and Buner, and by the Yusufzai, Bangash Orakzai, Afrldi, and Mohmand Pathans ...