बंदर एक मेरु दंडी, स्तनधारी प्राणी है। इसके हाथ की हथेली एवं पैर के तलुए छोड़कर सम्पूर्ण शरीर बाल होते हैं है। कर्ण पल्लव, स्तनग्रन्थी उपस्थित होते हैं। मेरूदण्ड का अगला भाग पूँछ के रूप में विकसित होता है। हाथ, पैर की अँगुलियाँ लम्बी नितम्ब पर मांसलगदी है।

बहादुर सिंह
सामयिक शृंखला: Oligocene–Present
एक युवा नर बंदर (Cebus albifrons).
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: पशु
संघ: कशेरुकी
वर्ग: स्तनपायी
गण: प्राईमेट भागों में

व्यवहार संपादित करें

'प्लोस वन' में छपे शोध निष्कर्षों के अनुसार अमरीका के ड्यूक विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं के अनुसार बंदर भी इंसान की तरह ही फ़ैसला करते और खीझते हैं। फ़ैसला करने के भावनात्मक परिणाम- निराशा और दुख दोनों ही बंदर प्रजाति में भी मूलभूत रूप से मौजूद हैं और यह सिर्फ़ इंसानों का आद्वितीय गुण नहीं है।[1]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "इंसान की तरह ही फ़ैसला करते और खीझते हैं बंदर". बीबीसी हिन्दी. 31 मई 2013 को 01:55 IST. मूल से 1 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 जून 2013. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)

बाहरी कड़ी संपादित करें