बड़ी दरगाह फ़िरदौसिया संप्रदाय के सूफी संत शेख़ शाह शोएब फ़िरदौसी शेखपूरवी की दरगाह है।[1] उन्हें बिहार में शेखपुरा जिले के संस्थापक के रूप में जाना जाता है।[2][3][4][5]

शाह शोएब संपादित करें

मख़्दूम शाह शोएब का जन्म मनेर शरीफ, बिहार में शेख़ जमालुद्दीन यहया मनेरी के घर में हुआ था। शोएब ख़ुद शरफुद्दीन यहया मनेरी के चचेरे भाई थे और यह इमाम मुहम्मद ताज फ़क़ीह के परिवार से थे। शोएब अपने चचेरे भाई मनेरी के फ़िरदौसिया सिलसिला मुरीद और ख़लीफ़ा थे।

उर्स एवं चादर पेशी संपादित करें

उर्स का आयोजन हर साल शेख़ शोएब की बरसी के उपलक्ष्य में किया जाता है।[6] यह मूल रूप से नवंबर के महीने में और 11 और 12 रबी अल थानी के अनुसार आयोजित होता है।[7][8][9]

संदर्भ संपादित करें

  1. "प्रेम और हर्षोल्लास से मनाई जा रही ईद, नमाज अदा कर अल्लाह से अमन-चैन की मांगी दुआ, सुरक्षा का चाक-चौबंद है इंतजाम". मगही न्यूज़ (अंग्रेज़ी में). 2022-05-03. अभिगमन तिथि 2023-06-25.
  2. "जिले के बारे में | जिला शेखपूरा, बिहार सरकार | भारत". अभिगमन तिथि 2023-06-25.
  3. "शेखपुरा: मटोखरदह मजार पर मन्नतें मांगने पहुंचते हैं दूर दूर से लोग". Hindustan (hindi में). अभिगमन तिथि 2023-06-25.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  4. "बड़ी दरगाह पर उर्स मेला शुरू -". Jagran. अभिगमन तिथि 2023-06-25.
  5. "शेखपुरा बसाने वाले बाबा मखदुम का सालाना उर्स आज से -". Jagran. अभिगमन तिथि 2023-06-25.
  6. "Urs started in Badidargah, Sheikhpura RJD MLA did chadarposhi". www.bhaskar.com.
  7. Superadmin (2021-11-18). "मकदूम शाह सोयैब रहमतउल्ला अलैह का दो दिवसीय उर्स संपन्न". sheikhpuranews.com (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2023-06-25.
  8. "बड़ी दरगाह का 615 वां उर्स कल से सभी तैयारियां पूरी -". Jagran. अभिगमन तिथि 2023-06-25.
  9. "हजरत मखदूम शाह के उर्स मेले में जुटे हजारों जायरीन". Prabhat Khabar. 2017-01-10. अभिगमन तिथि 2023-06-25.