बरकी बलिया गाँव, बलिया (बेगूसराय)
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बलिया बलिया, बेगूसराय, बिहार स्थित एक शहर है।
बलिया | |||||
— टाउन सिटी — | |||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||
देश | भारत | ||||
राज्य | बिहार | ||||
ज़िला | बेगूसराय | ||||
आधिकारिक भाषा(एँ) | हिन्दी, मगही, अंगिका, उर्दु, अंग्रेज़ी | ||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: http://begusarai.bih.nic.in |
भूगोल
संपादित करेंक्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ी बलिया का रकबा 6600 बीघा में फैला हुआ है।ज्ञात हो कि 650 हिजरी में यहां सूफी अलाउद्दीन शाह का आगमन हुआ था।इसी दौरान सदानंदपूर के एक राजा की मन्नतें पूरी होने होने पर राजा ने सूफी सय्यद अलाउद्दीन शाह को 6600 बीघा की जमीन दान में दी.जिसके बाद अलाऊद्दीन शाह के कई विरासत इस जगहों पर जमींदारी करते नजर आए. फिलहाल बड़ी बलिया दो पंचायतों में विभाजित है।इस गांव के बिचो बीच रेलवे ट्रक है। यह गांव में दो पंचायत बड़ी बलिया दक्षिणी और उतरी के नाम से जाना जाता है।
- मस्जिद रोड
- मीरशिकार टोला
जनसांख्यिकी
संपादित करेंआवागमन
संपादित करेंयातयात की दृष्टि से यह गांव बहुत ही सुलभ है।यह गांव एनएच 31 से सटे हैं।जहां सड़क मार्ग से लोग जल्दी और आसानी से पहुंच जाते हैं।गांव के करीब में दो रेलवे स्टेशन मौजूद है।जो यातायात के लिए बहुत आसान होता है।पहला स्टेशन एक किलोमीटर दूरी पर दनौली फुलवरिया स्टेशन स्थित है।वहीं दूसरा लखमिनियाँ रेलवे स्टेशन 4 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।वहीं इस गांव से सटे मोटर यातायात के लिए नेशनल हाइवे 31 पर मौजूद बड़ी बलिया यात्री पड़ाव है।इस गांव आने वाले ज़्यादातर अनजान लोग वरिष्ठ पत्रकार मो.मेहराब उर्फ प्रिंस का पता पूछकर गांव पहुंचते हैं।यातायात के दृष्टि से गांव का प्रमुख स्थल दरगाह मोहल्ला या पत्रकार मोहल्ला मशहूर है।
बड़ी बलिया गांव सूफियों में से एक है।जहां दुनिया के कई हिस्सों से आए सूफियों का यहां प्रमाण मिलता है।सूफियों में अलाउद्दीन बुख़ारी का आमद हुआ था।इन्हीं गांव के एक ऐसे सूफी सय्यद मो.कमाल बाबू थे जिनके गले में इतनी आवाज़ थी कि बिना लोडस्पीकर के 10 किलोमीटर अंतराल तक उनकी अज़ान की आवाज़ लोगों तक पहुंचत जाती थी। सय्यद मो.कमाल बाबू के कई पीढ़ियां मस्जिद के इमाम व मोअज्जिन हुआ करते थे।इसलिए वह भी बड़ी बलिया के इमाम रहे जहां अज़ान देने के दौरान उनके आवाज़ में इतना तासीर था कि आज भी उन्हें लोग याद करते हैं।सय्यद मो.कमाल के पुत्र नाम सय्यद मो.मोकब्बीर है।जबकि उनके पोते का नाम मो.कौनैन अली,मो.मेहराब,जौहर अली है।