बहुरूपी मराठी भाषा के विख्यात साहित्यकार चिंतामणि राव कोल्हटकर द्वारा रचित एक आत्मकथा है जिसके लिये उन्हें सन् 1958 में मराठी भाषा के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।[1]

बहुरूपी  
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बहुरूपी
लेखक चिंतामणि राव कोल्हटकर
देश भारत
भाषा मराठी भाषा
  1. "अकादमी पुरस्कार". साहित्य अकादमी. मूल से 15 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 11 सितंबर 2016.