बातू गुफाएँ
बातू गुफाएँ मलेशिया के गोम्बैक जिले में स्थित एक चूना पत्थर की पहाड़ी है जिसमें गुफ़ाओं व गुफा मंदिरों की शृंखलाएँ हैं। यह पहाड़ी मलेशिया की राजधानी क्वालालम्पुर से 13 किलोमीटर (8 मील) दूर है। इसका यह नाम इसे पहाड़ी के पीछे बहने वाली बातू नदी से मिला है, इसके साथ ही पास के एक गाँव का नाम भी बातू गुफा है। यहाँ की गुफा भारत से बहार हिंदुओं का एक बहुत प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, विशेष रूप से तमिल लोगों के लिए। गुफा का मंदिर शिव व पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय (मुरुगन) को समर्पित है। यह स्थान मलेशिया में हिन्दुओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहार थाईपुसम का केंद्र बिंदु है।[1][2]
बातू गुफाएँ பத்து மலை | |
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धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | क्वालालम्पुर के उत्तर में 13 किलोमीटर |
ज़िला | गोम्बैक |
राज्य | सलांगोर |
देश | मलेशिया |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | द्रविड़ वास्तुकला |
निर्माता | के॰ थम्बूसामी पिल्लै |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "BATU CAVES, SELANGOR". tourism.gov.my. मलेशियाई सरकार. मूल से 23 जून 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 जून 2012.
- ↑ कृष्णामूर्ति, एम॰ (23 नवम्बर 2006). "Batu Caves now on world map for Hindu pilgrims". द स्टार ऑन्लाइन. मूल से 28 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 जून 2012.
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंविकिमीडिया कॉमन्स पर बातू गुफाएँ से सम्बन्धित मीडिया है। |