बातों बातों में
बातों बातों में 1979 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह बासु चटर्जी द्वारा निर्देशित रूमानी हास्य फिल्म है। फिल्म में अमोल पालेकर और टीना मुनीम मुख्य भूमिका में हैं।[1] डेविड अब्राहम, पर्ल पद्मसी और असरानी सहायक भूमिकाओं में हैं। फिल्म का संगीत राजेश रोशन ने दिया है।
बातों बातों में | |
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बातों बातों में का पोस्टर | |
निर्देशक | बासु चटर्जी |
लेखक | सी. जे. पावरी |
निर्माता | बासु चटर्जी |
अभिनेता |
अमोल पालेकर, टीना मुनीम, पर्ल पदम्सी |
संगीतकार | राजेश रोशन |
प्रदर्शन तिथियाँ |
13 अप्रैल, 1979 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंरोज़ी परेरा बहुत ही बेचैन विधवा है। वह अपने वायलिन के दीवाने बेटे, सबी और एक प्यारी बेटी, नैन्सी (टीना मुनीम) के साथ रहती है। वह नैन्सी की शादी किसी अमीर युवक से कराना चाहती है। उसका भाई और पड़ोसी, टॉम (डेविड अब्राहम) मुंबई लोकल ट्रेन में नैन्सी को टोनी ब्रैगेंज़ा (अमोल पालेकर) मिलवाता है। टोनी से मिलने पर रोज़ी शुरू में उसके बारे में आशंकित होती है क्योंकि वह नैन्सी के 700/- रुपये की तुलना में केवल 300/- रुपये ही कमाता है। लेकिन जल्द ही उसका मन बदल जाता है जब उसे पता चलता है कि उसके परिवीक्षा अवधि के बाद उसे 1,000/- रुपये मासिक वेतन मिलेगा। नैन्सी और टोनी को मिलने की अनुमति दी जाती है और दोनों अंततः प्यार में पड़ जाते हैं। जबकि नैन्सी का एक अतीत रहा है जहां उसे एक लड़के ने धोखा दिया था जिससे वह प्यार करती थी।
टोनी के हिचकने के कारण जल्द ही रोज़ी दामाद की तलाश में कहीं और देखने लग जाती है। नैन्सी को यह पसंद नहीं आता, लेकिन वह अपनी माँ की इच्छा मान लेती है। नैन्सी और टोनी के बीच झगड़ा होता है और वे ट्रेन में भी एक-दूसरे से मिलना बंद कर देते हैं। जब टॉम को इस बारे में पता चलता है, तो वह टोनी के पिता से बात करता है। टोनी के पिता उससे कहते हैं कि वह नैन्सी से खुलके बात कर लेना चाहिए। इसलिए नैन्सी और टोनी एक-दूसरे से मिलते हैं। नैन्सी उससे कहती है कि वह उससे फिर कभी नहीं मिलेगी। तब टोनी को लगता है कि वह वास्तव में नैन्सी से प्यार करता है और उसके बिना नहीं रह सकता। फिर नैन्सी भी उससे अपने प्यार का इज़हार करती है और वे शादी कर लेते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अमोल पालेकर — टॉनी ब्रगेंजा
- टीना मुनीम — नैन्सी परेरा
- असरानी — फ्रांसिस फर्नांडिस
- डेविड अब्राहम — टॉम अंकल
- लीला मिश्रा — फिलोमिना आंटी
- पर्ल पदम्सी — रोज़ी परेरा
- अरविंद देशपांडे — ब्रगेंजा
- पिल्लू जे वाडिया — श्रीमती ब्रगेंजा
संगीत
संपादित करेंसभी राजेश रोशन द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "ना बोले तुम ना मैंने कुछ कहा" | योगेश | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 3:31 |
2. | "कहाँ तक ये मन को अँधेरे" | योगेश | किशोर कुमार | 3:41 |
3. | "उठे सबके कदम देखो रम पम पम" | अमित खन्ना | लता मंगेशकर, अमित कुमार, पर्ल पदम्सी | 4:23 |
4. | "सुनिये कहिये कहिये" | अमित खन्ना | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 5:05 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "गोलमाल से लेकर नरम गरम तक मूड को तरोताजा कर देंगी अमोल पालेकर की ये 5 फिल्में, दिल खोलकर हंसेंगे और शानदार गुजरेगा दिन". ndtv.in. अभिगमन तिथि 5 सितम्बर 2024.