बिमला प्रसाद चालिहा (26 मार्च 1912―25 फरवरी 1971) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक नेता और एक स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें 1942 में जोरहाट जेल में महात्मा गांधी द्वारा ब्रिटिश सरकार को भारत छोड़ो आंदोलन के आह्वान में सक्रिय भागीदारी के लिए बंद किया था।[1] वह तीन बार असम राज्य के मुख्यमंत्री पद के लिए चुने गए, एक बार बदरपुर सीट से और दो बार सोनारी निर्वाचन क्षेत्र से। वह 28 दिसंबर 1957 से 6 नवंबर 1970 तक पद पर रहे थे।[2][3] उन्हें भारत सरकार ने 1971 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया था।[4]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Assam Legislative Assembly - Chief Ministers since 1937". assamassembly.gov.in. अभिगमन तिथि 2021-08-23.
  2. "Assam Legislative Assembly - MLA 1962-67". assamassembly.gov.in. अभिगमन तिथि 2021-08-23.
  3. "Assam Legislative Assembly - MLA 1967-72". assamassembly.gov.in. अभिगमन तिथि 2021-08-23.
  4. "Details of Bimala Prasad Chaliha | Knowmore Assam |Information". knowmoreassam.com. मूल से 23 अगस्त 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2021-08-23.