बिल्हण, ग्यारहवीं शताब्दी के कश्मीर के प्रसिद्ध कवि थे जिनकी रचना[1] चौरपंचाशिका प्रसिद्ध है। उनकी दूसरी प्रसिद्ध रचना विक्रमांकदेवचरित है जो इतिहास गर्न्थ है। बिल्हण के विक्रमांकदेवचरित में कल्याण के चालुक्य राजा विक्रमादित्य षष्ठ (1076-1127) के पराक्रमों का वृत्तांत है।

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विल्हन कश्मीर के प्रसिद्ध कवि थे इनका समय 11वीं शताब्दी का उत्तरार्ध माना जाता है जिनकी प्रसिद्ध रचना चौरपंचाशिका का सिद्ध है उनकी दूसरी प्रसिद्ध रचना विक्रमांकदेवचरितम है जो की इतिहास प्रसिद्ध ग्रंथ है विल्हण ने विक्रमांकदेवचरितम ( 1076 -1127 ) में कल्याण के चालुक्य के राजा विक्रमादित्य पंचम के पराक्रमों का वृतांत है



Memekkkekeekekek चौरपंचाशिका] (संस्कृत विकिबुक्स पर)

  1. Sen, Sailendra (2013). A Textbook of Medieval Indian History. Primus Books. p. 52-53. ISBN 978-9-38060-734-4.