बिश्केक
बिश्केक (किरगिज़: Бишкек), जिसे पहले पिश्पेक और फ़्रूनज़े के नामों से भी जाना जाता था, मध्य एशिया के किरगिज़स्तान देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर है। यह उस देश के चुय प्रांत की राजधानी भी है।
बिश्केक Бишкек | |
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आला-तू चौक | |
क्षेत्रफल[1] | |
• कुल | 127 किमी2 (49 वर्गमील) |
ऊँचाई | 800 मी (2,600 फीट) |
जनसंख्या (2012)[1] | |
• कुल | 8,74,400 |
• घनत्व | 6,900 किमी2 (18,000 वर्गमील) |
नाम और स्थापना
संपादित करेंबिश्केक का नाम किरगिज़ भाषा के उस शब्द से उत्पन्न हुआ माना जाता है जिस से किरगिज़स्तान का राष्ट्रीय पेय, कूमीस (घोड़ी के दूध से बनी शराब-युक्त लस्सी), मंथा जाता है। सन् १८२५ में चुय नदी की एक उपनदी के किनारे ख़ोक़न्द के किरगिज़ों ने एक क़िले की स्थापना करी। जब यह इलाक़ा रूसी साम्राज्य में शामिल हुआ तो बहुत से रूसी लोग यहाँ आ बसे और इस शहर का नाम १८६२ में 'पिश्पेक' हो गया, जो रूसियों द्वारा 'बिश्केक' का ग़लत उच्चारण था। १९२६ में सोवियत संघ बनाने के बाद इस शहर का नाम इस इलाक़े में पैदा हुए बोल्शेविक क्रांतिकारी मिख़ाईल फ़्रून्ज़े के नाम पर 'फ़्रून्ज़े' रख दिया गया। १९९१ में किर्गिज़स्तान के आज़ाद होने के बाद उस देश की संसद ने इस शहर का ऐतिहासिक 'बिश्केक' नाम फिर से बहाल कर दिया।
भूगोल
संपादित करेंबिश्केक ८०० मीटर (२,६०० फ़ुट) की ऊँचाई पर किरगिज़ आला-तू पर्वत शृंखला के उत्तरी छोर पर बसा है। किरगिज़ आला-तू स्वयं तियान शान शृंखला की एक उपशाखा है। यह पूरा इलाक़ा चुय नदी के जलसम्भर क्षेत्र में आता है। बिश्केक चौड़ी सड़कों का एक शहर है जिसमें अधिकतर स्थानों से ऊँचे पर्वत नज़र आते हैं। यहाँ सोवियत-शैली की फ़्लैट-वाली इमारतें हैं जिनके नीचे बीच में अक्सर आँगन होते हैं। बिश्केक शहर बहुत से वृक्षों से हरा-भरा है जो गर्मियों में शहरियों को ठंडी छाया प्रदान करते हैं। बिश्केक में सबसे अधिक गरमी ४२.८ सेंटीग्रेड तक पहुँच चुकी है जबकि सबसे सर्दी -३४ सेंटीग्रेड तक जा चुकी है।
बिश्केक शहर के नज़ारे
संपादित करें-
दोरदोय बाज़ार
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पूर्वी बिश्केक का बस स्टेशन
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बिश्केक-ओश राजमार्ग