बीबी की मस्जिद बुरहानपुर की पहली जामा मस्जिद है जिसका निर्माण फारुकी शासनकाल में बादशाह आदिल शाह फारुकी की बेगम रुकैया ने करवाया था।[1] इस मस्जिद के निर्माण के समय बुरहानपुर की अधिकांश आबादी उत्तर दिशा में रहती थी इसलिए मोहल्ला इतवारा में इस मस्जिद का निर्माण करवाया गया।

इतिहास संपादित करें

इस मस्जिद के निर्माण के लिए गुजरात से कारीगरों को लाया गया। इस मस्जिद पर गुजरात की स्थापत्य कला का प्रभाव साफ तौर पर दिखता है। जानकारों का मानना है कि है कि बीबी की मस्जिद अहमदाबाद की जामा मस्जिद की ही एक प्रतिकृति है। इस मस्जिद के निर्माण में असीरगढ़ की खदानों से लाए गए पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। अपने समय की भव्य इमारतों में शामिल यह मस्जिद मुगल बादशाह औरंगजेब के शासन काल में अरबी और फारसी भाषा की शिक्षा का केंद्र रही।[2]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "बीबी की मस्जिद". bharatdiscovery.org. मूल से 17 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-06-27.
  2. "ऐेतिहासिक बीबी की मस्जिद की बीस फीट ऊंची दीवार का आधा हिस्सा ढहा". bhaskar.com. मूल से 18 नवंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2017-06-27.

बाहरी कड़ियां संपादित करें

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