बुलन्द दरवाज़ा

फतेहपुर सीकरी , उत्तर प्रदेश ,भारत में ऐतिहासिक ईमारत

बुलन्द दरवाज़ा, भारत के उत्तर प्रदेश प्रान्त में आगरा शहर से ४३ किमी दूर फतेहपुर सीकरी नामक स्थान पर स्थित एक दर्शनीय स्मारक है। इसका निर्माण अकबर ने 1571AD में करवाया था। बुलन्द शब्द का अर्थ महान या ऊँचा है। अपने नाम को सार्थक करने वाला यह स्मारक विश्व का सबसे बडा़ प्रवेशद्वार है। हिन्दू और फारसी स्थापत्य कला[1] का अद्भुत उदाहरण होने के कारण इसे "भव्यता के द्वार" नाम से भी जाना जाता है।[2]

बुलन्द दरवाजा़

अकबर द्वारा गुजरात पर विजय प्राप्त करने की स्मृति में बनवाए गए इस प्रवेशद्वार के पूर्वी तोरण पर फारसी में शिलालेख अंकित हैं जो 1571AD में दक्कन पर अकबर की विजय के अभिलेख हैं। ४२ सीढ़ियों के ऊपर स्थित बुलन्द दरवाज़ा ५३.६३ मीटर ऊँचा और ३५ मीटर चौडा़ है। यह लाल बलुआ पत्थर से बना है जिसे सफेद संगमरमर से सजाया गया है। दरवाजे के आगे और स्‍तम्भों पर कुरान की आयतें खुदी हुई हैं। यह दरवाजा एक बड़े आँगन और जामा मस्जिद की ओर खुलता है। समअष्टकोणीय आकार वाला यह दरवाज़ा गुम्बदों और मीनारों से सजा हुआ है।

दरवाजे़ के तोरण पर ईसा मसीह से सम्बन्धित कुछ पंक्तियाँ लिखी हैं जो इस प्रकार हैं: "मरियम के पुत्र यीशु ने कहा: यह संसार एक पुल के समान है, इस पर से गुज़रो अवश्य, लेकिन इस पर अपना घर मत बना लो। जो एक दिन की आशा रखता है वह चिरकाल तक आशा रख सकता है, जबकि यह संसार घण्टे भर के लिये ही टिकता है, इसलिये अपना समय प्रार्थना में बिताओ क्योंकि उसके सिवा सब कुछ अदृश्य है" बुलन्द दरवाज़े पर बाइबिल की इन पंक्तियों की उपस्थिति को अकबर को धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक माना जाता है।[3][4][5]

महत्वपूर्ण जानकारियाँ

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चित्र दीर्घा

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  1. "बुलन्द दरवाज़ा" (अंग्रेज़ी में). मूल (एचटीएमएल/प्रकाशक=भारतऑनलाइन) से 7 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १९ मार्च २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  2. "Fatehpur Sikri". Encyclopaedia Britannica. मूल से 2 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 3 जुलाई 2020.
  3. "बुलन्द दरवाज़ा" (अंग्रेज़ी में). मूल (एचटीएमएल/प्रकाशक=इंडिप्लेसेज़) से 5 नवम्बर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १९ मार्च २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  4. "prateek to Visit in India: Buland Darwaza". India Travel. मूल से 5 November 2014 को पुरालेखित.
  5. There is another memorial gate called the "Buland Darwaza" at the Dargah Sharif in Ajmer, Rajasthan, "Historical Monuments". Mission Sarkar Gharib Nawaz. मूल से 29 January 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 January 2015., and another in Hyderabad near the Golconda Fort.[उद्धरण चाहिए]