बूँदी जिला

राजस्थान का ज़िला
(बूँदी ज़िले से अनुप्रेषित)
बूँदी ज़िला
Bundi district
मानचित्र जिसमें बूँदी ज़िला Bundi district हाइलाइटेड है
सूचना
राजधानी : बूँदी
क्षेत्रफल : 5,550 किमी²
जनसंख्या(2011):
 • घनत्व :
11,13,725[1]
 201/किमी²
उपविभागों के नाम: तहसील
उपविभागों की संख्या: ?
मुख्य भाषा(एँ): हिन्दी, राजस्थानी


बूँदी ज़िला भारत के राजस्थान राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय बूँदी है।[2][3]

भीमलत जलप्रपात बूंदी
तारागढ़ किला

बूँदी को "परिंदों का स्वर्ग" कहा जाता है। छोटीकाशी [उद्धरण चाहिए] के नाम से प्रसिद्ध बूंदी जिले में प्राकृतिक सौंदर्य है। यह अपनी संस्कृति, लोक परंपराएं और ऐतिहासिक धरोहर व स्थानीय पक्षियों की पसंदीदा सैरगाह के रूप में प्रसिद्ध रहा है। अरावली की पर्वत श्रृंखलाएँ बूंदी को और भी मनोरम बनाती है। वन एवं वन्य जीवो से बूंदी समृद्ध व इनके लिए प्रसिद्ध है। नैसर्गिक सुषमा से समृद्ध इस अंचल में जलाशयों के तटों व वृक्षों पर विचरण करते देशी विदेशी पक्षी और सघन वनाच्छादित क्षेत्रों में उन्मुक्त घूमते वन्यजीवों से बूंदी जिले की पहचान बनती है। बूंदी जिले में रणथंभौर बाघ परियोजना, मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, रामगढ़ विषधारी अभ्यारण, चंबल घड़ियाल अभ्यारण व जवाहर सागर अभ्यारण का भाग सम्मिलित है। जिले में वर्तमान में 1542.42 वर्ग किलोमीटर वन भूमि है जो कि जिले के भौगोलिक क्षेत्रफल का 26.70% है।

जिला मुख्यालय बूंदी सहित जिले के 9 विभिन्न जलाशयों में शीतकाल के आरंभ होते ही देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं। इस दौरान इन जलाशयों में विचरते पक्षियों की चहचाहट यहां की आबोहवा में जीवंतता पैदा करती है। बूंदी जिले में मुख्य रूप से 9 बर्ड वाचिंग प्वाइंट है -

  1. जैत सागर
  2. अभय पुरा बांध
  3. बरधा बांध
  4. गुढा बांध
  5. इंद्राणी बांध
  6. कनक सागर बांध
  7. नारायणपुर बांध
  8. राम सागर बांध
  9. रतन सागर झील

इन जलाशयों के साथ ही चंबल में जलभराव क्षेत्रों में बड़ी संख्या में पक्षियों को विचरण करते हुए देखा जा सकता है। इन जलाशयों में बार हेडेड गीज, कॉमन टील, पेलिकन, नार्दन पिनटेल, इंडियन स्कीमर, रिवर टर्न, पर्पल हेरोन, पोण्ड हेरोन, कोम्ब डक, पेंटेड स्टोर्क, वूली नेकेड स्टार्क, डार्टर कॉरमाण्ट, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, नॉर्दन शावलेवर, स्पॉट बिल डक, तथा और भी विभिन्न प्रजाति के एग्रेट्स भी दिखाई देते हैं। स्थानीय पक्षियों में कबूतर, तोता, मोर पक्षी ,सारस क्रेन आदि दिखाई देते हैं।

वन मंडल बूंदी द्वारा दिनांक 10 से 26 जनवरी 2018 तक वेटलैंड बर्ड सेंसस 2018 में बूंदी जिले के 9 वाटर पॉइंट पर पक्षी गणना का कार्य किया गया। वेटलैंड बर्ड सेंसस 2018 के कार्यक्रम का समापन दिनांक 27-1 -2018 को बूंदी बर्ड्स फेस्टिवल 2018 के रूप में मनाया गया। वेटलैंड बर्ड सेंसस 2018 में गणना कार्यक्रम में श्री पृथ्वी सिंह राजावत, श्री विट्ठल सनाढ्य, श्री चंद्र विजय सिंह ,पूर्व मानद वन्य जीव प्रतिपालक के . नामा, किरण चौधरी ,श्री दुष्यंत सिंह व श्री सीताराम गुर्जर का सहयोग रहा।

दर्शनीय स्थल

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यहाँ चौरासी खंभों की छतरी एक बरामदा है जो 84 खंभों पर स्थित है। इसे राव अनिरुद्ध सिंह ने 1740 में नर्स(परिचारिका) देवा द्वारा की गई सेवाओं के प्रति सम्मान प्रकट करने हेतु बनवाया था। [4]

यहां तारागढ़ बूंदी दुर्ग भी दर्शनीय स्थल है।

इन्हें भी देखें

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  1. "Bundi District Population Census 2011, Rajasthan literacy sex ratio and density". Census2011.co.in. मूल से 3 सितंबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2016-08-20.
  2. "Uttar Pradesh in Statistics," Kripa Shankar, APH Publishing, 1987, ISBN 9788170240716
  3. "Political Process in Uttar Pradesh: Identity, Economic Reforms, and Governance Archived 2017-04-23 at the वेबैक मशीन," Sudha Pai (editor), Centre for Political Studies, Jawaharlal Nehru University, Pearson Education India, 2007, ISBN 9788131707975
  4. "संग्रहीत प्रति". मूल से 23 सितंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 सितंबर 2018.