बूढवाल
बूढवाल अहीर (Boodhwal) या बूढ़वाल अहीर (Boorhwal) भारत के राजस्थान राज्य के अलवर ज़िले की बहरोड़ तहसील में एक बड़ा ग्राम है।[1]<ref>"Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731 Edit by RaoDinesh(SP)
बूढवाल अहीर Boodhwal, Boorhwal | |
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निर्देशांक: 27°57′18″N 76°16′19″E / 27.955°N 76.272°Eनिर्देशांक: 27°57′18″N 76°16′19″E / 27.955°N 76.272°E | |
देश | भारत |
प्रान्त | राजस्थान |
ज़िला | अलवर ज़िला |
तहसील | बहरोड़ |
जनसंख्या (2011) | |
• कुल | 2,278 |
भाषा | |
• प्रचलित | हिन्दी अहीरवाटी |
समय मण्डल | भामस (यूटीसी+5:30) |
पिनकोड | 301709 |
विवरण
संपादित करेंयह गाँव अलवर जिला मुख्यालय से ७० किलोमीटर तथा बहरोङ तहसील मुख्यालय से ९ किलोमीटर उत्तर-पश्चिम दिशा में स्तिथ है 1 यहाँ का पिन कोड ३०१७०९ है। बूढवाल ग्राम पंचायत में ३गाँव शामिल हैं - डवानी, भूपखेड़ा, और बूढवाल। बूढवाल ग्राम पंचायत कि सरपंच कुलदीप यादव है। और प.स.सदस्य सुनील यादव है।
इतिहास
संपादित करेंबूढवाल को बुधराम यादव ने वैशाख सुदी १३ विक्रमी सम्वत् १४००(1343 ईस्वी) में बसाया था 1 बुधराम कनिना (हरियाणा का एक शहर) को बसाने वाले कन्ही राम के बडे भाई थे 1
शिक्षा
संपादित करेंबूढवाल में शिक्षा का स्तर अच्छा है। यहाँ एक बी.एड. महाविद्यालय (गार्गी शिक्षक प्रशिक्षण), उच्च माद्यमिक विद्यालय, बालिका उच्च प्राथमिक एवं प्राथमिक विद्यालय हैं। बाबा रामदेव और सम्पत राम(पूर्व मन्त्रि, राजस्थान सरकार) ने यहाँ के विद्यालय में अध्ययन किया। यहाँ कि साक्षरता दर 100% है। गाँव में लङकियों कि शिक्षा पर भी उचित ध्यान दिया जाता हैं।
भूगोल
संपादित करेंबूढवाल गाँव अलवर से 70 Km, जयपुर से 140 Km, दिल्ली से 140 Km, नारनोल (हरि.) से 20 Km ,अटेली से 20km , कुंद से 25km और नीमराणा से 15 Km बहरोङ-कुण्ड रोड पर स्तिथ भीटेङा बस स्टेण्ड से 2 Km पश्चिम कि ओर स्तिथ है। यहाँ कि मिट्टी बहुत उपजाऊ है। यहाँ कि मुख्य फसलें बाजरा, कपास, ग्वार, गेँहू, सरसो और अरअर (आरेङ) हैं। यहाँ गहन वन क्षेत्र नहीं हैं। यहाँ खेजड़ी के वृक्ष बहुताय संख्या में है। खेजङी के अलावा नीम, शीशम, कीकर, बेर और पीपल के वृक्ष भी पाये जाते हैं।
व्यवसाय
संपादित करेंयहाँ के बहुत से लोग अध्यापन, सेना (Army,CRPF,BSF,CISF,ITBP) एवं पुलिस (राज.पुलिस, दिल्ली पुलिस), परिवहन, नीमराना और बहरोड़ के उद्योगों में कार्यरत हैं। कृषि के साथ-साथ यहाँ के लोग पशुपालन में भी गहन रुचि रखते हैं। यहाँ के लोग मुर्रा और हरियाणवी नस्ल कि भैंसे अधिक पालते हैं। भैंस के बाद ऊँट, बकरी और गाय भी लोग पालते हैं। गाँव में दो मुर्गी पालन केन्द्र हैं। गाँव में सरस डेयरी के अतिरिक्त ४ और दुग्ध केन्द्र कार्यरत हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332