बैचलर ऑफ़ कॉमर्स, बी.कॉम. (baccalaureus commercii, B.Com, या B.Comm.) वाणिज्य में एक स्नातक उपाधि है। बैचलर ऑफ़ कॉमर्स एक स्नातक का विषय जो तीन सालों में पूर्ण किया जाता है। इसमें कई विषय होते है -वस्तु और सेवा कर, लेखा, वित्त, व्यापार प्रबंधन, मानव संसाधन, सांख्यिकी, विपणन, अर्थशास्त्र, सूचना प्रणालियाँ इत्यादि। यह सामान्य रूप से इन देशों में उपलब्ध है: कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, भारत, आयरलैंड, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ़्रीका और दीगर राष्ट्रमंडल देशों में।[1][2][3]

बी.कॉम करने के बाद, छात्र विभिन्न प्रकार के करियर विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए): कंपनियों के वित्तीय विवरणों का लेखा-जोखा और ऑडिट करने के लिए जिम्मेदार।
  • कंपनी सेक्रेटरी (सीएस): कंपनियों के कानूनी और नियामक अनुपालन का प्रबंधन करने के लिए जिम्मेदार।
  • वित्तीय विश्लेषक: कंपनियों और निवेशों के मूल्यांकन के लिए वित्तीय डेटा का विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार।
  • बैंकिंग पेशेवर: बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में विभिन्न प्रकार की भूमिकाएं।
  • लेखा परीक्षक: व्यवसायों के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच करने के लिए जिम्मेदार।
  • कर सलाहकार: व्यक्तियों और व्यवसायों को कर मामलों में सलाह देने के लिए जिम्मेदार।
  • व्यवसाय प्रबंधक: विभिन्न प्रकार के व्यवसायों का प्रबंधन और संचालन करने के लिए जिम्मेदार।
  • मार्केटिंग प्रोफेशनल: उत्पादों और सेवाओं को बढ़ावा देने और बेचने के लिए जिम्मेदार।
  • मानव संसाधन पेशेवर: कर्मचारियों की भर्ती, प्रशिक्षण और प्रबंधन के लिए जिम्मेदार।

12th कॉमर्स के बाद सरकारी नौकरी

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कॉमर्स ग्रेजुएशन करने के बाद आपके पास कई सरकारी नौकरियों के अवसर होते हैं। ये नौकरियां विभिन्न सरकारी विभागों और संस्थानों में उपलब्ध होती हैं। कॉमर्स से सरकारी नौकरी बहुत अच्छी मिलती है, जिसमे नियुक्त होने के बाद इच्छुक उम्मीदवार को अच्छे वेतन भी प्राप्त होते है।


  1. "संग्रहीत प्रति". मूल से 11 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अक्तूबर 2016.
  2. "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 नवंबर 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अक्तूबर 2016.
  3. "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 अक्तूबर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 अक्तूबर 2016.