बोराज काज़ीपुरा (Boraj-Kazipura), जिसे केवल बोराज (Boraj) भी कहा जाता है, भारत के राजस्थान राज्य के अजमेर ज़िले में स्थित एक नगर है।[1][2]

बोराज काज़ीपुरा
Boraj-Kazipura
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बोराज काज़ीपुरा is located in राजस्थान
बोराज काज़ीपुरा
बोराज काज़ीपुरा
राजस्थान में स्थिति
निर्देशांक: 26°26′27″N 74°35′56″E / 26.4407°N 74.599°E / 26.4407; 74.599निर्देशांक: 26°26′27″N 74°35′56″E / 26.4407°N 74.599°E / 26.4407; 74.599
देश भारत
प्रान्तराजस्थान
ज़िलाअजमेर ज़िला
जनसंख्या (2011)
 • कुल8,780
भाषा
 • प्रचलितहिन्दी
समय मण्डलभामस (यूटीसी+5:30)
पिनकोड305005

स्थिति संपादित करें

अजमेर से पुष्कर को जाने वाली सड़क से फॉयसागर को जाने वाले मार्ग पर बोराज काजिपुरा गांव है।

जनसंख्या संपादित करें

यह गहलोत राजपूतों का ठिकाना है। यहाँ घरो कि संख्या ४२४ है और आबादी लगभग 1,८६० लोगों की आबादी है। यहाँ राजपूत जाति निवास करती है।

इतिहास संपादित करें

बोराज काजिपुरा का इतिहास १००० साल पुराना है। इतिहास के संदर्भ से यह जानकारी प्राप्त होती है कि सम्राट पृथ्वीराज के सैनिकों में बोया (पंवार) राजपूत थे, जो वहां स्थित सैनिक छावनी क्षेत्र में निवासरत थे। बोया राजपूतों ने ही बोराज काजिपुरा गांव को बसाया। यहां के बोया शासक द्वारा बनाई गई प्राचीन बावड़ी तथा महल के भग्न अवशेष आज भी विद्यमान है, जो ऐतिहासिकता के साक्षी है। यहां के बोया राजपूतों के पश्चात् गहलोत वंश के मानसिंह व जीवनसिंह ने यहां आधिपत्य स्थापित किया, तब से इनके वंशजो का शासन रहा है।

मंदिर संपादित करें

गाँव में  चामुंडा माता मंदिर , भेरू जी मंदिर, dkyh माँ मंदिर है। चामुंडा माता मंदिर परिसर में ही भव्य हनुमान मंदिर है। चामुंडा माता मंदिर के ठीक नीचे बड़ा भैरव मंदिर बना हुआ है। यहां का नवरात्रा का नजारा अत्यन्त आकर्षक रहता है क्योंकि हर रोज अजमेर शहर के हजारों श्रद्धालु यहां माता के दर्शनों के लिए आते है। यहां सावन शुक्ला अष्टमी को यहां मेला लगता है। इस मंदिर के निर्माण के समय का प्राचीन शिलालेख है, जिसका विवरण इस प्रकार है–

  • चामुण्डा माता मंदिर का शिलालेख
  • श्री चामुण्डा माता प्राचीन स्थान चांवडराय देदा गोविंदराय गहलोत गांव चसमा नगरी का पहाड़ में जातुणी दसा में सं. ११४० की साल माता चामुण्डा का मंदिर थरपना पृथ्वीराज का सुरमा मिती वैशाख सुदि आखातीज के दिन बिलोजी बालोत गांव चस्मानगरी का पहाड़ को पट्टो पायो। सं. ११४५ की साल मिती आसोज सुदि एकम माता चामुण्डा की गुमटी बनाई। पूनासिंह का जेबोजी गांव बोराज सं. १३५५ की साल मिली जेठ सुदि ७ के दिन जेबोजी माता चामुण्डा का मंदिर बणयो। गांव सुलका उदासा ने डूंगर का ढाल में कुण्ड खुदायो व बड़ लगाया। रतनाजी को पदमोजी माता चामुण्डा के तिबारा बणायो, कुण्ड नीचे का खुदायो। सं. १४९१ की साल उदोजी को चौथ ने दोय आम का पेड़ लगाया। तिबारा बनायो। सं. १५७० की साल। पुजारी गांव की मरजी से रखे। देखभाल गांव की है। श्री चामुण्डा माई के मंदिर में गांव बोराज की समिति की तरफ से संगमरमर का गुमज ऊपर वाली व आरसीसी की छत भी भरवाया और नीचे की फर्स संगमरमर लगवाई।

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
  2. "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990