ब्रह्मविद्या उपनिषद कृष्ण यजुर्वेद के अन्तर्गत आने वाले ३२ उपनिषदों में से एक है। इसमें ब्रह्मविद्या की शिक्षा है। इसमें मुख्यतः की संरचना, इसका उच्चारण, इसकी स्थिति, इसका आदि और अन्त तथा इसका महत्व प्रतिपादित किया गया है।

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