ब्रोकस्कत भाषा
ब्रोकस्कत (Brokskat) या मिनारो (Minaro) भारत के लद्दाख़ प्रदेश में ब्रोकपा समुदाय द्वारा बोली जाने वाली एक लुप्तप्राय हिन्द-आर्य भाषा है। सभी दार्दी भाषाओं में यह सबसे प्राचीन जीवित भाषा मानी जाती है। कुछ भाषावैज्ञानिक इसे शीना भाषा से विकसित मानते हैं लेकिन आज ब्रोकस्कत और शीना बोलने वाले एक-दूसरे को समझ नही सकते। ब्रोकस्कत के कुछ बोलने वाले गिलगित-बलतिस्तान में भी रहते हैं, जिसपर पाकिस्तान का कब्ज़ा है लेकिन जिसे भारत अपना भाग मानता है।[1][2][3]
ब्रोकस्कत | |
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Minaro / Brokskat / འབྲོག་སྐད་ | |
बोलने का स्थान | भारत |
तिथि / काल | 1996 |
क्षेत्र | लद्दाख़, गिलगित-बलतिस्तान |
समुदाय | ब्रोकपा (मिनारो) |
मातृभाषी वक्ता | लगभग 3000 |
भाषा परिवार |
हिन्द-यूरोपीय
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लिपि | तिब्बती लिपि |
भाषा कोड | |
आइएसओ 639-3 | bkk |
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Bray, John (2008). "Corvée transport labour in 19th and early 20th century Ladakh: a study in continuity and change". प्रकाशित Martijn van Beek; Fernanda Pirie (संपा॰). Modern Ladakh: Anthropological Perspectives on Continuity and Change. BRILL. पृ॰ 46. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-90-474-4334-6.
- ↑ Jain, Danesh; Cardona, George (2007-07-26). The Indo-Aryan Languages (अंग्रेज़ी में). Routledge. पृ॰ 889. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-1-135-79711-9.
- ↑ Ethnologue, 15th Edition, SIL International, 2005, पृ॰ 357 – वाया archive.org,
Minaro is an alternate ethnic name. "Brokpa" is the name given by the Ladakhi for the people. "Brokskat" is the language.