षिण्या एक दार्दी भाषा है जो पाकिस्तान–नियन्त्रित गिलगित-बल्तिस्तान और भारत के लद्दाख़ और कश्मीर क्षेत्रों में बोली जाती है। जिन पाकिस्तान–नियन्त्रित वादियों में यह बोली जाती है उनमें अस्तोर, चिलास, दरेल, तंगीर, गिलगित, ग़िज़र और बल्तिस्तान और कोहिस्तान के कुछ हिस्से शामिल हैं। जिन भारत–नियन्त्रित वादियों में यह बोली जाती हैं उनमें गुरेज़, द्रास, करगिल और लद्दाख़ के कुछ पश्चिमी हिस्से शामिल हैं। अन्दाज़ा लगाया जाता है के १९८१ में इसे कुल मिलकर क़रीब ३,२१,००० लोग बोलते थे।[1] षिण्या एक सुरभेदी भाषा है जिसमे दो सुर हैं — उठता हुआ और समतल (यानि बिना किसी बदलाव वाला)।[2]

शीना भाषा
बोलने का  स्थान जम्मू व कश्मीर, पाक-अधिकृत कश्मीर
क्षेत्र गिलगित-बल्तिस्तान, बांडीपोरा ज़िला
मातृभाषी वक्ता ५,००,०००
भाषा परिवार
लिपि अरबी-फ़ारसी लिपि
भाषा कोड
आइएसओ 639-3 इनमें से एक:
scl – शीना
plk – कोहिस्तानी शीना
कश्मीर क्षेत्र में शीना भाषा का विस्तार
कश्मीर क्षेत्र में शीना भाषा का विस्तार

कुछ आम शब्द और वाक्य

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सप्ताह के दिन

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षिण्या के सप्ताह के दिनों के नाम संस्कृत से मिलते-जुलते हैं और रविवार का नाम उसी दिन के पुराने संस्कृत नाम "आदित्यवार" पर पड़ा है। याद रहे के संस्कृत में हफ़्ते के दिनों के नाम ग्रहों पर रखे गए हैं जिसमें "रवि" और "आदित्य" दोनों "सूरज" के लिए पर्यायवाची शब्द हैं।

षिण्या (नस्तालीक़) षिण्या (देवनागरी) संस्कृत
ur अदित आदित्य वार
ur त्सुन्दुरो सोम वार
ur उन्गारो मङ्गल वार
ur बोदो बुध वार
ur ब्रेस्पुत बृहस्पति वार
ur शूकर शुक्र वार
ur शिमशेर शनिचर वार

हिन्दी, पञ्जाबी, राजस्थानी, कश्मीरी और षिण्या में आपस में बहुत से सजातीय शब्द हैं।

षिण्या हिन्दी अर्थ
गिलीत गिलगित
कोन? कहाँ?
आन इधर
अदान उधर
आल वहाँ
खिरि बेय नीचे बैठ
वेय पी पानी पी
तिकी खा खाना खा
बाबा पिता
आजी माँ
ज़्राह भाई (पञ्जाबी में भ्राह/प्राह, संस्कृत में भ्राता)
मिष्ति दिश कोन हिन? अच्छी जगह (दिशा) कहाँ है?
तू कोनते बुजानो? तू कहाँ जा रहा है?
शालबाल बाल-बच्चे
बडो बड़ा
चुनो छोटा (पञ्जाबी में भी "चुना" या "चुन्ना" का अर्थ "छोटा" होता है)
ज़्रीगो लम्बा (संस्कृत में दीर्घ)
अषातो कमज़ोर (अक्षमता)
डंगो ऊँचा (राजस्थानी में डूंगरो)

इन्हें भी देखें

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  1. "Ethnologue". 14 मई 2011 को मूल से पुरालेखित. अभिगमन तिथि: 1 मई 2011.
  2. Investigation of tonal contrasts in two Shina dialects. Central Institute of Indian Languages, Mysore. In B. B. Rajpurohit (ed.), Papers in Phonetics and Phonology, pp. 31–42, 1983