ब्लैकफूट लोग

मूल अमेरिकियों के एक समूह के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला नाम

ब्लैकफूट समुदाय (अंग्रेज़ी: Blackfoot Confederacy) या नीत्सितापी (अंग्रेज़ी: Niitsitapi) (ᖹᐟᒧᐧᒣᑯ, अर्थात "मूल निवासी"[note 1]) तीन समूहों फ़र्स्ट नेशन्स, सैस्कैचवेन, अल्बर्टा और ब्रिटिश कोलम्बिया में बैंड सरकारों और मोन्टाना में एक अमेरिकी जनजाति का संयुक्त नाम है। सिकसिका (ब्लैक्फूट अर्थात काले पैरों वाले) कैनाई या कैना (कई सरदार) और उत्तरी पीगन या पीकानी ("Poor Robes") कनाडा में रहते हैं जबकि दक्षिणी पीगन या पिकुनी लोग संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं।

ब्लैकफ़ूट
बीयर बुल
विशेष निवासक्षेत्र
कनाडा कनाडा
(साँचा:देश आँकड़े सैस्कैचवेन सैस्कैचवेन, साँचा:देश आँकड़े अल्बर्टा अल्बर्टा, ब्रिटिश कोलम्बिया ब्रिटिश कोलम्बिया)

संयुक्त राज्य संयुक्त राज्य अमेरिका
(मोन्टाना मोन्टाना, साँचा:देश आँकड़े व्योमिंग व्योमिंग (हिस्से) साँचा:देश आँकड़े इदाहो इदाहो)
भाषाएँ
अंग्रेजी, ब्लैकफूट
धर्म
पारम्परिक मान्यताएँ, सूर्य नृत्य, ईसाई
सम्बन्धित सजातीय समूह
other ऐल्गोक़्वियान लोग

ऐतिहासिक तौर पर समुदाय के सदस्य जंगली भैंसे का शिकार करने वाले आदिवासी लोग थे जो पश्चिमी उत्तर अमेरिका के विशाल मैदानों के उत्तरी क्षेत्रों से कनाडा की ओर आये थे। ऐसा माना जाता है कि भैंसों का शिकार करने के लिये उनके झुंडो का पीछा करते करते वो यूएसए से कनाडा के बो नदी तक आते रहे। अट्ठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में उन्होंने यूरोपीय अन्वेष्कों से घोडे और अग्नेयास्त्रों का व्यापार किया। ब्लैकफूटों ने इन सुविधाओं का उपयोग अपने शासकीय क्षेत्रों का विस्तार करने के लिये किया। इससे उन्हें भैंसों के शिकार के लिये ज्यादा दूर दूर तक जाने और आसानी से शिकार करने में सहायता मिली।

उन्नीसवीं शताब्दी में यूरोपीय लोगों द्वारा योजनापूर्वक व्यापारिक कारणों से किये गये भैंसो के शिकार ने कभी बहुत ज्यादा संख्या में पाये जाने वाले भैंसों के विशाल झुंडों को ख्त्म कर दिया और परिणामत: विशाल मैदानों में मूल अमेरिकीयों की रोजमर्रा की जिंदगी ही बदल दी। अब उनका मुख्य भोजन स्रोत खत्म होने की कगार पर था जिसकी वजह से वो भुखमरी का शिकार होने लगे। इसकी वजह से मजबूरन इन आदिवासियों को खेती, किसानी और पशु-पालन जैसे व्यवसायों में संलग्न होना पडा। 1870 में उन्होंने अमेरिका और कनाडा की सरकारों से अपनी विशाल भूमि के बदले भोजन, दवाईयों और उन्नत खेती की शिक्षा के लिये संधियाँ कीं। फिर भी, ब्लैकफूट लोग अमेरिका और कनाडा की समावेशी नीतीयों के बावजूद अपनी मूल संस्कृति और भाषा को बचाने में सफल रहे हैं।

ब्लैकफूट देश

संपादित करें
 
फ्रांसिस डेनमोर ब्यूरो ऑफ़ अमेरिकन एथ्नोलोजी के लिये शीर्ष पर्वत प्रमुख का साक्षात्कार लेते हुए।

ब्लैकफूट देश चार देशों से मिलकर बना है। ये देश पीगन, सिकसिका, उत्तरी पीगन और कैनाई या खूनी (ब्लड) इंडियन्स हैं। [1] ये चार देश मिलकर ब्लैकफूट समुदाय या ब्लैकफूट कॉन्फेडरेसी बनाते हैं जिसका अर्थ है कि ये सभी एक दूसरे की सहायता के लिये एक दूसरे से जुडे हुए हैं। इन देशों कि अपनी अलग-अलग सरकारें हैं जो किसी मुखिया द्वारा संचालित होती हैं। ये चारों अक्सर धार्मिक या सामाजिक अवसरों पर साथ मिलते हैं। आज के युग में अमेरिकी सीमा में पीगन या पिकुनी ही एकमात्र बचे हुए ब्लैकफूट समुदाय हैं जो मोन्टाना में रहते हैं। [2]

संस्कृति

संपादित करें

नेता का चुनाव

संपादित करें

ब्लैकफूट इंडियन्स में परिवार का बहुत महत्व होता है। यात्रा के स्माय भी ये २०-३० के गुट में बंट जाते हैं, लेकिन गम और खुशियों में एक दूसरे से मिलने साथ आते हैं। [3] वे नेतृत्व क्षमता का आदर करते हैं और ऐसे सरदार का चुनाव करते हैं जो उनके समुदाय या कबीले को बुद्धिमानी से चलाए। शांतिकाल में वो एक शांति का नेता चुनते हैं जिसकी जिम्मेदारी अन्य समुदायों से शांति संबंध स्थापित करना होता है। युद्ध प्रमुख की उपाधि चुनावों से नहीं बल्कि विभिन्न लडाईयों में उम्दा साहसिक प्रदर्शनों जिनमें दुश्मन को जिन्दा पकडना जैसी कलाएँ शामिल हैं, के बल पर जीती जाती है। [4] ब्लैकफूट समुदायों में चुने हुए प्रमुख नेता के अलावा छोटे नेता भी होते हैं।

 
स्कैल्प नृत्य, ब्लैकफ़ूट इंडियन्स, 1907

ब्लैकफ़ूट देशों में लोगों के विभिन्न समाज और समुदाय थे जिन्के विभिन्न किस्म के कार्याविधियाँ होती थीं। युवाओं को समाज में कुछ खास परम्पराओं और परीक्षाओं में खरा उअतरने के बाद ही शामिल किया जाता था। युवाओं को व्रत और पूजा अर्चना के लिए चार दिनों तक अकेले बाहर रहना होता था।[5] उनका मुख्य उद्देश्य एक ऐसा दृश्य देखना होता था जो उनके भविष्य को परिभाषित करती हो। ऐसा दृष्य देखने के बाद युवक गाँव में शामिल होने के लिए वापस लौट आता था।

युद्धक समाज में युवा लड़को को युद्धकला में निपुड़ होना होता था और युद्ध की तैयारियाँ करते रहनी होती थीं। योद्धाओं को भी आत्मीय शुद्धता से गुजरना होता था, स्वयं को रंगों से रंगना होता था। युद्धक समुदायों के नेता अपने साथ भाला या नुकीले डंडे ले कर चलते थे जो कि पंखों, चमड़ों इत्यादि से सजे होते थे। वो दुश्मन को अपने डंडों से छूने और भाग जाने से इज्जत कमाते थे।

 
खूनी देश की महिला युद्धक वेशभूषा में, 1907

धार्मिक समाज के लोगों का काम ब्लैकफूट समुदाय के पवित्र स्थलों और सामानों की सुरक्षा करना और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन करना होता था। वे योद्धाओं को लड़ाईयों से पहले आशीर्वाद देते थे और उनकी जीत केल इये अनुष्ठान करते थे। उनका मुख्य उत्सव सूर्य नृत्य था। सूर्य नृत्य के जरिए वो परमात्मा की प्रार्थना करते थे और उनसे समुदाय के लिये भोजन और सुरक्षा मांगते थे।

महिलाओं का कार्य भी महत्वपूर्ण था। कपड़ों और कवचों पर कढाई पुताई करने के अलावा, युद्ध के लिये तैयार करना, कपडे बनाना, बच्चों की देखभाल और प्राथमिक शिक्षा देना, भोजन बनाना, और उसे बचा के रखना और शिकारियों की सफलता के लिये अनुष्ठान आयोजित करना इनके मुख्य कार्य थे।[6]

  1. Compare to ओजीब्वे: अनिशिनाबेज और क़्विनिपियाक: ईन्स्केटम्बॉग
  1. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; ReferenceA नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  2. मर्डोक. North American Indian [उत्तर अमेरिकी इंडियन]. पृ॰ 28.
  3. Taylor, 11
  4. Gibson, 17
  5. Gibson, 19
  6. Gibson, 19-21