भज्जू श्याम
भज्जू श्याम (जन्म 1971, मध्य भारत के पाटनगढ़ में, पूरा नाम: भज्जू सिंह श्याम) एक भारतीय कलाकार हैं, जो मध्य प्रदेश के गोंड-परधान समुदाय से संबंधित हैं। उन्हें 2018 में भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।.[1]
भज्जू सिंह श्याम | |
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जन्म |
1971 (आयु 52–53) पाटनगढ़ गांव, मध्य प्रदेश , भारत |
पेशा | कलाकार |
पुरस्कार |
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वे प्रसिद्ध प्रधान कलाकार जंगगढ़ सिंह श्याम के समकालीन थे और उन्होंने भारत भवन, भोपाल से अपने कलात्मक जीवन की शुरुआत की। उन्हें अपनी पुस्तक द लंदन जंगल बुक (2004) के लिए अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली, जिसके साथ उन्होंने दुनिया भर में प्रधान लोक कला को जाना।
कला-इतिहासकार और लेखक, ज्योतिंद्र जैन के अनुसार, भज्जू श्याम सबसे महत्वपूर्ण और अभिनव कलाकारों में से एक थे, जो जंगगढ़ सिंह श्याम के नेतृत्व में 'गोंड-परधान पेंटिंग' परंपरा के विस्फोट से उभरे थे।[2]
उनकी पुस्तक द लाइफ ऑफ ट्रीज़ नाइट (2006) के लिए उन्हें 2008 बोलोग्ना चिल्ड्रन बुक फेयर से सम्मानित किया गया। भज्जू श्याम भोपाल , भारत में रहते हैं। [3][4][5][6]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Padma Shri to Shyam, Malti & Musalgaonkar". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. 26 January 2018. अभिगमन तिथि 26 January 2018.
- ↑ The Art of Bhajju Shyam: Master Gond Artist. Ojas Art. 2016. पृ॰ 7.
- ↑ "How Bhajju Shyam went from being a Security Guard in MP to a World Renowned Artist - The Better India". thebetterindia.com. अभिगमन तिथि 2015-08-30.
- ↑ "Brit Book Reviews: The London Jungle Book by Bhajju Shyam - Anglotopia.net". anglotopia.net. अभिगमन तिथि 2015-08-30.
- ↑ "'I remain a villager at heart' - The Hindu". thehindu.com. अभिगमन तिथि 2015-08-30.
- ↑ CIL. "Bhajju Shyam - Gond Artist of Madhya Pradesh". ignca.nic.in. मूल से 7 September 2015 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2015-08-30.