भारतीय कार्टूनिस्ट

भारत में कार्टून कला की शुरुआत ब्रिटिश काल में मानी जाती है और केशव शंकर पिल्लई जिन्हें "शंकर" के न

भारत में कार्टून कला की शुरुआत ब्रिटिश काल में मानी जाती है और केशव शंकर पिल्लई जिन्हें "शंकर" के नाम से भी जाना जाता है को भारत कार्टून कला का पितामह कहा जाता है। शंकर ने १९३२ में हिंदुस्तान टाईम्स में कार्टून बनाना प्रारम्भ किए। शंकर के अलावा आर के लक्षमण, कुट्टी मेनन, रंगा, आबू अब्राहम और मारियो मिरांडा ऐसे नाम है जिन्होंने भारतीय कार्टून कला को आगे बढाया और पहचान दी। शंकर के बाद धीरे धीरे कार्टून कला का भारत में विकास हुआ और आज भारत में हर प्रान्त और भाषा में कार्टूनिस्ट काम कर रहे हैं।
भारतीय कार्टूनिस्टों के बीच सांस्कृतिक और व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, कार्टून कला की सार्थकता एवं सकारात्मकता के लिए एक प्रगतिशील मंच प्रदान करने के लक्ष्य से एक पंजीकृत संगठन कार्टूनिस्ट्स क्लब ऑफ इंडिया की भी स्थापना की गयी

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