भारतीय खनन ब्यूरो (अंग्रेज़ी:इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन्स), भारत का बहु-अनुशासित सरकारी संगठन है। इसकी स्थापना १९४८ में की गई थी। ब्यूरो खनन विकास मंत्रालय, भारत सरकार के अंतर्गत्त कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य कोयला, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, आण्विक खनिज एवं विरल खनिजों के अलावा अन्य खानों में संरक्षण, खनिज संसाधनों के वैज्ञानिक विकास करना है।[1] ब्यूरो की स्थापना १ मार्च १९४८ को हुई थी।[2] ब्यूरो का मुख्यालय इंदिरा भवन, सिविल लाइंस,नागपुर, महाराष्ट्र-४४०१०२ में स्थित है।

भारतीय खनन ब्यूरो
इण्डियन ब्यूरो ऑफ माइन्स
आई.बी.एम
भारतीय खनन ब्यूरो
भारतीय खनन ब्यूरो
संस्था अवलोकन
स्थापना १ मार्च, १९४८
मुख्यालय इंदिरा भवन, सिविल लाइंस,
नागपुर, महाराष्ट्र
मातृ संस्था सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय, भारत सरकार
वेबसाइट
www.mospi.gov.in/cso_test1.htm

भारतीय खान ब्‍यूरो के महानियंत्रक की अध्‍यक्षता में भारतीय खान ब्‍यूरो के 6 तकनीकी प्रभाग हैं तथा इसका मुख्‍यालय नागपुर में है । नागपुर में संयुक्‍त राष्‍ट्र विकास कार्यक्रम की सहायता से स्‍थापित एक आधुनिक खनिज प्रक्रमण प्रयोगशाला और प्रायोगिक संयंत्र है । देश भर में फैले भारतीय खान ब्‍यूरो के 4 आंचलिक कार्यालय, 13 क्षेत्रीय कार्यालय, 2 क्षेत्रीय अयस्‍क प्रसाधन प्रयोगशालाएं और प्रायोगिक संयंत्र हैं। भारतीय खान ब्‍यूरो के कार्यालय अजमेर, बंगलोर, भुवनेश्‍वर, कोलकाता, चेन्‍नई, देहरादुन, गोवा, गुवाहाटी, गांधीनगर, हैदराबाद, जबलपुर, रायपुर, नागपुर, रॉंची और उदयपुर में अवस्थित हैं तथा प्रायोगिक संयत्र और अयस्‍क प्रसाधन प्रयोगशालाएं अजमेर, बंगलोर और नागपुर में अवस्थित हैं।

लक्ष्य संपादित करें

भारतीय खान ब्‍यूरो का प्रमुख लक्ष्‍य खानों के विनियामक निरीक्षण, खनन योजनाओं के अनुमोदन और पर्यावरण प्रबंधन योजनाओं के माध्‍यम से देश के (तटीय और अपतटीय) दोनों खनिज संसाधनों के सुव्‍यवस्थित और वैज्ञानिक विकास को बढ़ावा देना है ताकि पर्यावरण पर होने वाले दुष्‍प्रभाव को कम से कम किया जा सके । इसके प्रमुख लक्ष्य ये हैं-

  • संविधि के तहत खानों का विनियामक निरीक्षण संचालित करना
  • खनिजों के संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा पर ध्‍यान देते हुए खनन योजनाएं, स्‍कीमें और खान वृहत योजनाएं अनुमोदित करना
  • क्षेत्रीय आधार पर पर्यावरणीय मूल्‍यांकन अध्‍ययन करते हुए पर्यावरण पर खनन से उत्‍पन्‍न दुष्‍प्रभाव को कम करने में सक्रिय भूमिका निभाना
  • प्रदर्शनियों एवं दृश्‍य श्रव्‍य माध्‍यम से खनित क्षेत्रों के पुन:उद्धार एवं पुनर्वास के संबंध में जागरूकता फैलाना
  • खनन उद्योग, पर्यावरण सुरक्षा एवं प्रदूषण नियंत्रण, आयात एवं निर्यात नीतियों, व्‍यापार, खनिज, विधान, वित्‍तीय प्रोत्‍साहन एवं संबंधित विषयों पर सरकार को सलाह देना
  • अयस्‍क और खनिजों के विश्‍लषण तथा उन क्षेत्रों में खनन अनुसंधान और विकास क्रियाकलापों को बढ़ावा देने सहित खनन,भूविज्ञान, खनिज प्रक्रमण एवं पर्यावरणीय पहलुओं में स्‍वत: प्रौद्योआर्थिक क्षेत्र अध्‍ययन संचालित करना ।
  • खनन, भूविज्ञान, खनिज प्रक्रमण एवं पर्यावरण के क्षेत्र में देश एवं देश के बाहर संवर्धनात्‍मक आधार पर तकनीकी परामर्शी सेवाएं प्रदान करना
  • गवेषण, पूर्वेक्षण, खान एवं ख्‍निज पर डाटा बेस संग्रहित, परितुलित एवं रख रखाव करना तथा खनन उद्योगकी समस्‍याओं और संभावनाओं को दर्शाते हुए प्रकाशन/बुलेटिन निकालना
  • मानव संसाधन विकास हेतु विभाग के वैज्ञानिक , तकनीकी एवं अन्‍य कैडरके लोगों तथा खनन उद्योग एवं अन्‍य एजेंसियों के व्‍यक्तियों को प्रशिक्षण प्रदान करना ।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "आधिकारिक जालस्थल". मूल से 8 मार्च 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 मार्च 2010.
  2. इतिहास[मृत कड़ियाँ]

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें